September 21, 2024

भारत के लिए बुरी खबर, अब Fitch ने घटाया भारत के आर्थिक विकास दर का अनुमान

एक के बाद एक सभी रेटिंग एजेंसियां 2022-23 के लिए भारत के आर्थिक विकास दर के अनुमान को घटाती जा रही है. अब रेटिंग एजेंसी Fitch Ratings ने भी 2022-23 में भारत के आर्थिक विकास दर के अनुमान को 8.5 फीसदी से घटाकर 7.8 फीसदी कर दिया है. हालांकि Fitch Ratings भारत के आउटलुक को अपग्रेड करते हुए इसे नेगेटिव से बढ़ाकर स्टेबल कर दिया है और BBB- की रेटिंग दी है. जून 2020 में Fitch Ratings लॉकडाउन के चलते बारत के आउटलुक को नेगेटिव कर दिया था.

इससे पहले विश्व बैंक ने भी 2022-23 में भारत के आर्थिक विकास दर के अनुमान को घटा दिया था. विश्व बैंक के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर 7.5 फीसदी रह सकता है. पहले उसने ने 8.7 फीसदी ग्रोथ रेट रहने का अनुमान जताया था. यानि विश्व बैंक ने अपने अनुमान में 1.2 फीसदी की कटौती की है. हाल के दिनों में सभी रेटिंग एजेंसी समेत संस्थाओं ने बढ़ती महंगाई , सप्लाई चेन में रूकावट और वैश्विक तनाव के चलते भारत आर्थिक विकास दर के अनुमान को घटाया है.

Moody’s ने अपने ग्लोबल मैक्रो रिपोर्ट आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि कच्चे तेल, फूड और फर्टिलाइजर की कीमतों में उछाल के चलते भारतीय के वित्तीय स्थिति से लेकर उनके खर्च करने की क्षमता पर असर पड़ेगा. पिछले ही दिनों S&P Global Ratings ने भी  मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी 7.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया था तो 2023- 24 में जीडीपी  6.5 फीसदी रहने का अनुमान है. S&P के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट 8.9 फीसदी रहा है.

महंगाई करेगी परेशान

Moody’s के मुताबिक 2022 में महंगाई दर 6.8 फीसदी रहने का अनुमान है जबकि 2023 में ये 5.2 फीसदी रह सकता है. आरबीआई के मुताबिक 2022-23 में महंगाई दर 5.7 फीसदी रहने का अनुमान है. हालांकि आरबीआई जून में मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में नए सिरे से महंगाई दर का अनुमान जारी कर सकता है. इससे पहले ब्रोकरेज हाउस मार्गन स्टैनले ने भी कहा था कि बढ़ती महंगाई, उपभोक्ता की तरफ से कमजोर मांग, कड़े वित्तीय हालात के चलते  बिजनेस सेंटीमेंट पर बुरा असर पड़ेगा साथ ही कैपिटल एक्सपेंडिंचर के रिकवरी में भी देरी होगी. कीमतों में उछाल और कमोडिटी के बढ़ते दामों के चलते महंगाई बढ़ेगी ही साथ ही चालू खाते का घाटा भी बढ़कर 10 साल के उच्ताचतम स्तर 3.3 फीसदी तक जा सकता है.

रूस – यूक्रेन युद्ध से बढ़ी मुश्किलें 

बहरहाल पहले Morgan Stanley, S&P Global Ratings और Moody’s ने अगले दो वर्षों तक के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान घटाया जाना इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि रूस – यूक्रेन युद्ध के चलते कच्चे तेल समेत, कमोडिटी और खाने के तेल के दामों में उछाल का किस हद तक भारत पर दुष्प्रभाव पड़ा है. अप्रैल 2022 में खुदरा महंगाई दर 8 साल के उच्चतम स्तर 7.79 फीसदी पर जा पहुंचा है तो होलसेल महंगाई दर 9 साल के उच्चतम स्तर 15.08 फीसदी पर जा पहुंचा है. महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने रेपो रेट बढ़ाया है. लेकिन महंगाई बढ़ेगी तो कर्ज और महंगा हो सकता है जिसका असर डिमांड पर पड़ेगा.


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