September 21, 2024

फिच ने घटाया भारत का विकास दर अनुमान, बढ़ती ब्याज दरें और ग्लोबल स्लोडाउन का असर

फिच रेटिंग्स ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर का अनुमान घटा दिया है. रेटिंग एजेंसी के मुताबिक घरेलू स्तर पर बढ़ती ब्याज दरें और दुनिया भर में मंदी की आशंकाओं से विकास दर पर नकारात्मक असर पड़ेगा. एजेंसी ने अनुमान दिया है कि मौजूदा वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था 7 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है. इससे पहले जून में भारत के लिए 7.8 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान दिया गया था. एजेंसी ने भारत के साथ साथ दुनिया भर के लिए ग्रोथ अनुमानों में कटौती की है. एजेंसी के मुताबिक दुनिया भर में कई ऐसे संकेत देखने को मिल रहे हैं जिसका सभी अर्थव्यवस्थाओं पर नकारात्मक असर पड़ेगा. इसी वजह से ग्रोथ के अनुमानों में कटौती की गई है.

क्या कहती है फिच की रिपोर्ट

रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ती महंगाई के साथ साथ ब्याज दरों में बढ़त और दुनिया भर में आर्थिक सुस्ती से घरेलू अर्थव्यवस्था की रफ्तार भी धीमी पड़ सकती है. एजेंसी ने अगले वित्त वर्ष के लिए अनुमानों में भी कटौती की है और कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 में अर्थव्यवस्था 7.4 प्रतिशत के मुकाबले 6.7 प्रतिशत की रफ्तार के साथ बढ़त दर्ज कर सकती है. वहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि सप्लाई को लेकर चिंताओं और महंगाई की वजह से साल 2022 में वैश्विक अर्थव्यवस्था 2.4 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ेगी जो कि पिछले अनुमानों से आधा प्रतिशत कर है. वहीं साल 2023 में विश्व की अर्थव्यवस्था सिर्फ 1.7 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ेगी इसमें भी पिछले अनुमानों से 100 बेस अंक की कटौती की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक कमोडिटी की कीमतें, केंद्रीय बैंकों की सख्त पॉलिसी, रूस यूक्रेन संकट, चीन में कोविड के प्रतिबंध जैसे कई फैक्टर हैं जो ग्रोथ को धीमा कर रहे हैं.


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