September 22, 2024

महंगे पेट्रोल-डीजल से जल्द मिलेगी आजादी! बाजार में आएंगी फ्लेक्स फ्यूल इंजन वाली गाड़ियां

देश में जल्‍द ही महंगे पेट्रोल-डीजल के बजाय सस्‍ते ईंधन से चलने वाले वाहन देखने को मिलेंगे. जी हां, सरकार ने ऑटोमोबाइल कंपनियों से फ्लेक्‍स फ्यूल इंजन वाले वाहनों का उत्‍पादन शुरू करने को कहा है.

कंपनियों को अगले छह महीनों में बीएस-6 (भारत स्टेज 6) उत्‍सर्जन मानकों पर फ्लेक्‍स फ्यूल व्‍हीकल और फ्लेक्‍स फ्यूल स्‍ट्रांग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्‍हीकल का उत्‍पादन शुरू करना होगा.

एक तीर से दो निशाने साधने की तैयारी में सरकार

सरकार फ्लेक्‍स फ्यूल की मदद से दो निशाने साधना चाहती है. सरकार की कोशिश है कि क्रूड ऑयल पर निर्भरता कम की जाए. इसके साथ ही वाहनों से निकलने वाले ग्रीनहाउस गैस उत्‍सर्जन में भी कमी लाई जाए.

बताते चलें कि फ्लेक्‍स फ्यूल से चलने वाली कार पेट्रोल-डीजल की तुलना में 35 से 40 फीसदी तक सस्‍ती पड़ेगी. इतना ही नहीं, यह पर्यावरण के अनुकूल भी है.

60 से 62 रुपये प्रति लीटर होगी फ्लेक्स फ्यूल की कीमत

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी फ्लेक्स फ्यूल इंजन की खूब वकालत कर रहे हैं. गडकरी का कहना है कि इस वैकल्पिक ईंधन की कीमत 60 से 62 रुपए प्रति लीटर होगी, जो पेट्रोल या डीजल से कम है. इससे कार चलाना 40 फीसदी तक सस्‍ता हो जाएगा.

फ्लेक्‍स फ्यूल इंजन एक से अधिक ईंधन पर चल सकते हैं. फ्लेक्स-फ्यूल इंजन पेट्रोल और इथेनॉल या मिथेनॉल के मिश्रण पर काम करते हैं. इथेनॉल या मिथेनॉल को कृषि फसलों व उनके अवशेषों से प्राप्त किया जाता है. इसलिए ये आसानी से और कम कीमत पर मिलते हैं.

इन देशों में हो रहा है फ्लेक्स फ्यूल इंजन का प्रोडक्शन

ब्राजील, कनाडा और अमेरिका में ऑटोमोबाइल कंपनियां फ्लेक्स फ्यूल इंजन का प्रोडक्‍शन कर रही हैं. इन देशों में ग्राहकों को 100 फीसदी पेट्रोल या 100 फीसदी बायो इथेनॉल का विकल्प मिलता है.

अगर भारत में भी फ्लेक्‍स फ्यूल इंजन वाले वाहन उपलब्‍ध होंगे तो इससे निश्चित ही कार खर्च में कमी आएगी और प्रदूषण की समस्‍या से भी कुछ हद तक निजात मिलेगी.


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