लोक पर्व हरेला पर गैरसैण पहुंचे पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र, पौधारोपण कर दिया पर्यावरण सरंक्षण का संदेश

trivender harela

गैरसैण। इस बार का लोकपर्व हरेला कुछ मायनों में ऐतिहासिक भी रहा। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में हरेला को मनाया। उन्होंने स्थानीय कार्यकर्ताओं एवं जनता के साथ मिलकर भराड़ीसैंण गैरसैंण में वृक्षारोपण किया। उन्होंने एक संदेश भी दिया कि गैरसैंण उनके लिए केवल राजनीति करने का मोहरा नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री होने के बावजूद भी उन्होंने इस लोकपर्व को भराड़ीसैंण गैरसैंण में मनाया और एक संदेश दिया उनके लिए गैरसैंण कितना महत्व रखता है।

इससे पूर्व दिवालीखाल पहुँचने पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कार्यकर्ताओं व स्थानीय जनता ने जोरदार स्वागत किया। स्थानीय जनता की आंखों में अपने नेता के लिए भावुकता साफ देखी जा रही थी, जैसे मानो कह रही थी कि वीरान पड़े गैरसैंण की उनके नेता द्वारा लंबे समय बाद सुध ली गई। आज गढ़वाल भ्रमण के दूसरे दिन पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रसिद्ध मंदिरों, मां धारी देवी व आदिबद्री के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया तथा मां धारी देवी व विष्णु भगवान से सबके मंगल की कामना की। पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र ने सिमली, कर्णप्रयाग के महिला बेस अस्पताल का भी निरीक्षण किया और अस्पताल के प्रांगण में पीपल का पौधा लगाया। पूर्व सीएम ने जिला रुद्रप्रयाग में बहुप्रतिभा की धनी 12 वर्षीय नन्ही बिटिया ख्याति सेमवाल को आशीर्वाद देकर बिटिया का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने ज्ञान का भंडार ख्याति बिटिया के उज्जवल भविष्य की मंगल कामना की कामना की।

खांखरा रुद्रप्रयाग में पूर्व सीएम ने वृक्षारोपण कार्यक्रम में स्थानीय विधायक भरत सिंह चैधरी की उपस्थिति में पीपल एवं बरगद के वृक्ष रोपे। पूर्व सीएम ने भारतीय जनता पार्टी के जिला रुद्रप्रयाग के निर्माणाधीन कार्यालय का निरीक्षण कर वहां भी वृक्षारोपण किया और इसके बाद रुद्रप्रयाग में रक्तदान शिविर में प्रतिभाग कर युवाओं का उत्साहवर्धन किया।

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिए हम सभी को आगे आना चाहिए और ऐसे वृक्षों का रोपण करना चाहिए जिनसे हमारे आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ एवं एवं स्वच्छ पर्यावरण मिल सके जिसमें पीपल एवं बरगद के वृक्ष सम्मिलित हैं।

उन्होंने आज अपने गढ़वाल भ्रमण के दौरान विभिन्न जगहों पर पार्टी कार्यकर्ताओं व स्थानीय जनता के साथ मिलकर पीपल एवं बरगद के वृक्ष रोपे।