September 22, 2024

विधानसभा में हुई भर्तियों पर पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र का बड़ा बयान, परिवार का नहीं, जनता का प्रतिनिधित्व करता है जनप्रतिनिधि

देहरादून। उत्तराखण्ड विधानसभा में राज्य बनने के बाद से ही भर्तियों को लेकर सवाल उठते रहे हैं। विशेषाधिकार की आड़ में भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ने ‘धृष्टराष्ट्र प्रेम’ प्रेम दिखाते हुए अपनों को विधानसभा में एडजस्ट करने का काम किया। दोनों ही दलों के नेताओं ने ‘अंधा बांटे रेवड़ी घूम-घूम कर अपनों को दे’ की तर्ज पर बेटे, दामाद, बहू और करीबियों को ही उपकृत करने का काम किया है।

खास बात ये है कि विधानसभा में भर्ती के मामले में भाजपा और कांग्रेस नेता एक मंच पर नजर आ रहे हैं। और बैकडोर से की गई भर्तियों को जायज बताने में तुले हैं। कम से कम जिस तरह के बयान पूर्व विधान सभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद के बयान मीडिया में आ रहे हैं, उससे तो यही जाहिर हो रहा है।

विपक्षी कांग्रेस के नेता यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में तो खुलकर मैदान में हैं, वे इस मुद्दे को राष्ट्रीय मुद्दा बनाना चाहती है। इसको लेकर उत्तराखण्ड कांग्रेस ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेस भी की। लेकिन विधानसभा में हुई भर्तियों को लेकर एक तरह से चुप्पी साधे हुए हैं। और एक तरह से कांग्रेस बैकफुट पर हैं। साफ है विपक्ष में होने के बावजूद कांग्रेस अपने मूंछों पर लगी ‘विशेषाधिकार’ की मलाई को छिपा नहीं पा रही है।

वहीं काफी समय बाद पूर्व सीएम हरीश रावत का बयान सामने आया है। हरदा न तो अपने कार्यकाल के दौरान भी नियुक्ति पर कोई तर्कसंगत बात कह पाए और न ही इस चक्कर में बीजेपी पर निशाना साध सके।

वहीं इस बीच उत्तराखंड विधानसभा में भर्तियों के मामले पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का बयान सामने आया है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा है कि राष्ट्रपति भवन हो या राजभवन हो या विधानसभा जिस भी जगह में जनता का पैसा लगता है, वहां जो भी नियुक्ति हो उसमें सभी का अधिकार है और सारी प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता तो संवैधानिक संस्थाओं पर प्रश्नचिन्ह लगते हैं। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने साफ कहा है कि सीएम रहते उनके पास जब प्रस्ताव आया था तो उन्होंने सीधे इस पर लिख दिया था कि यह आयोग के जरिए हो, जो नियमावली है उसी के जरिए भर्ती होनी चाहिए।

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत का कहना है कि विधानसभा की सभी प्रक्रियाएं पारदर्शी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह तथाकथित लोगों को नौकरी देने का मामला सामने आ रहा है यह गंभीर है और कहीं ना कहीं इस पर कोई ठोस कार्रवाई होनी चाहिए। पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल के मुद्दे में त्रिवेंद्र रावत का कहना है कि गोविंद सिंह कुंजवाल का बयान यह बताता है कि वह घमंड में बयान दे रहे हैं। अपनी पुत्र और पुत्री को नौकरी देकर और करीबियों को नौकरी देना यह बताता है कि प्रदेश के बेरोजगारों से उनका कोई लगाव नहीं है।

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने पूर्व स्पीकर और वर्तमान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को लेकर भी कहा की वह तब स्पीकर रहे हैं और अब वर्तमान में वित्त मंत्री हैं और इस मामले में वही बेहतर बता सकते हैं कि क्या कुछ हुआ है। साथ ही पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा है कि राष्ट्रपति भवन हो या राजभवन हो या विधानसभा जिस भी जगह में जनता का पैसा लगता है, वहां जो भी नियुक्ति हो उसमें सभी का अधिकार है और सारी प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए। उनके मुताबिक हर चीज के लिए कानून और नियम बने हुए हैं। और इन नियमावली के जरिए भर्ती होनी चाहिए।


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