विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका, पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने दिया इस्तीफा
विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. कुमार ने पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस के साथ अपने दशकों पुराने रिश्ते को समाप्त कर दिया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमार ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपा है. उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के बाहर राष्ट्रीय हितों की बेहतर सेवा कर सकते हैं.’
कुमार की दो पीढ़ियां कांग्रेस से जुड़ी रही हैं. उन्होंने अपने इस्तीफे की वजह बताते हुए कहा कि पार्टी में नेतृत्व की कमी है.’ अश्विनी कुमार ने कहा कि कांग्रेस खुद को फिर से स्थापित करने में असमर्थ रही है और लगातार धरातल की ओर बढ़ रही है. पूर्व कानून मंत्री ने आगे कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा (Netaji Subhas Chandra Bose Statue) और गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) को पद्म भूषण से जुड़े हालिया विवादों ने उनको पद छोड़ने का फैसले करने के लिए मजबूर किया. उन्होंने कहा कि इन घटनाओं की वजह से उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देने का मन बना लिया.
कांग्रेस अध्यक्ष को लिखा पत्र
कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में कुमार ने कहा, ‘इस मामले पर विचार करने के बाद, मैंने ये निष्कर्ष निकाला है कि मौजूदा हालात और अपनी गरिमा को ध्यान में रखते हुए मैं पार्टी के बाहर बड़ी राष्ट्रीय समस्याओं की सबसे अच्छी तरह से सेवा कर सकता हूं.’ उन्होंने आगे कहा, इस तरह मैं 46 सालों के लंबे जुड़ाव के बाद पार्टी छोड़ रहा हूं. हमारे स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा परिकल्पित उदार लोकतंत्र के वादे के आधार पर परिवर्तनकारी नेतृत्व के विचार से प्रेरित सार्वजनिक मुद्दों को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाने की उम्मीद करता हूं.’
Former Union Law Minister Ashwani Kumar resigns from Congress pic.twitter.com/BwUuqhqSH6
— ANI (@ANI) February 15, 2022
अमरिंदर सिंह के साथ पार्टी के व्यवहार की आलोचना
अश्विनी कुमार मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार में कानून मंत्री थे. वह 46 वर्षों से कांग्रेस के साथ जुड़े हुए थे. कुमार ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ कांग्रेस के व्यवहार की भी आलोचना की. उन्होंने कहा, ‘पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया था. यह उन सिद्धांतों के खिलाफ था जिनके लिए कांग्रेस हमेशा से खड़ी रही है.’ उन्होंने पंजाब में मुख्यमंत्री पद के लिए (मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और पीसीसी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के बीच) खुली होड़ पर भी सवाल उठाया और कहा कि इससे पार्टी की बहुत खराब छवि झलकी.