यूपी में 50 हजार ट्रांसफार्मर लगाने में हुआ बड़ा खेल
उत्तर प्रदेश में पचास हजार ट्रांसफार्मरों का झूठ पकड़ा गया है। खुलासा भी तब हुआ जब फुंके ट्रांसफार्मर बदले गए। कागजों में क्षमता 200 केवीए की थी लेकिन मौके पर मिला 100 केवीए का ट्रांसफार्मर। ऐसा खेल किसी एक जिले में सामने नहीं आया बल्कि अधिकांश जिलों में इस तरह का गोलमाल पकड़ में आ रहा है। करीब 65 अफसर जांच के घेरे में आ रहे हैं।
उत्तरप्रदेश में आठ महीनों के भीतर 2 लाख 28 हजार ट्रांसफार्मर बदले जा चुके हैं। इनमें 16 हजार ट्रांसफार्मरों को अपग्रेड किया गया है। बिजली कनेक्शनों के आधार पर ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाई गई है। जब फुंके ट्रांसफार्मरों को बदला गया तो बड़ा खेल सामने आया। कागजों में ट्रांसफार्मर की क्षमता ज्यादा थी जबकि मौके पर कम क्षमता वाला ट्रांसफार्मरों मिला। कम क्षमता के ट्रांसफार्मर के कारण ही ट्रिपिंग हो रही थी। ट्रांसफार्मर फुंकने का कारण भी यही माना गया।
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि करीब 50 हजार ट्रांसफार्मर अभी तक ऐसे सामने आए हैं जिनकी कागजों में क्षमता कुछ और दर्ज थी और मौके पर कुछ और मिली। जहां 200 केवीए का ट्रांसफार्मर होना चाहिए था वहां 100 केवीए का ट्रांसफार्मर लगाया गया है। ट्रांसफार्मर फुंकने की वजह भी यही सामने आ रही है।
अब इन सभी ट्रांसफार्मरों को हटाकर कनेक्शन के अनुपात में अधिक क्षमता वाले ट्रांसफार्मर लगाए जा रहे हैं। इस पर गोलमाल को देखते हुए जांच शुरू कराई जा रही है। ट्रांसफार्मर फुंकने का आंकड़ा भी 2016 में सबसे ज्यादा रहा है। मथुरा, अलीगढ़, एटा, मैनपुरी, इटावा, कन्नौज, कानपुर, गोरखपुर, बरेली, मुरादाबाद, रामपुर, अमरोहा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, गाजियाबाद, नोएडा और बदायूं में सबसे ज्यादा ट्रांसफार्मर फुंके हैं।
कई जिलों में बिजली लाइन में गोलमाल का मामला सामने आया है। अगर कहीं 100 मीटर के दायरे में लाइन बिछाई गई तो उसे 500 मीटर दिखा दिया गया है। पोल अगर दस लगे हैं तो बीस दर्शाए गए हैं। अब इसकी जांच शुरू कराई जा रही है।