सड़क हादसे में घायल लोगों को अस्पताल लेकर जाते हैं तो दिल्ली सरकार देगी 2000 रुपए का इनाम
नई दिल्ली। सड़क हादसे में घायल व्यक्ति अगर अस्पताल पहुंचता है और उसकी जान को खतरा है तो दिल्ली सरकार उस मरीज के इलाज का पूरा खर्च वहन करेगी। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने फैसला लिया है कि सड़क हादसे में घायल व्यक्ति, एसिड अटैक से पीड़ित व्यक्ति, आग लगने से घायल व्यक्ति को शहर के किसी भी प्राइवेट अस्पताल में आपातकाल में भर्ती कराया जाता है तो उसके इलाज का खर्च आप सरकार करेगी। मरीज के लिए हादसे के बाद का समय काफी कीमती होता है, यह समय इलाज नहीं मिलने पर जानलेवा साबित हो सकता है, लिहाजा इसे गोल्डन ऑवर कहते हैं, ऐसे में इस वक्त मरीज को तुरंत इलाज की सख्त जरूरत होती है। ऐसे में अगर मरीज के पास पैसा नहीं है तो उसके इलाज का खर्च अब केजरीवाल सरकार उठाएगी।
प्राइवेट अस्पताल में भी होगा मुफ्त इलाज
यह फैसला मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को लिया गया, सरकार के इस प्रस्ताव को एलजी के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के अननुसार दिल्ली में हर साल 8000 सड़क हादसे होते हैं, वर्ष 2016 में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार 1600 लोगों को सड़क हादसे में गंभीर चोट आई थी। सत्येंद्र जैन ने कहा कि अक्सर यह होता है कि सड़क हादसे के घायल को लोग पास के सरकारी अस्पताल ले जाते हैं, उन्हें बेहद करीब प्राइवेट अस्पताल में भर्ती नहीं कराते, जिसके चलते घायल का कीमती समय बेकार होता है, अगर उसे इस समय जल्द से जल्द इलाज मिलता है तो जान बचने की संभावना बढ़ जाती है।
कितना भी खर्च हो सरकार करेगी भुगतान
आप सरकार के अधिकारी ने बताया कि मरीज के इलाज के लिए किसी भी तरह की कीमत को तय नहीं किया गया है, साथ ही यह सिर्फ दिल्ली के लोगों तक सीमित नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जिसका भी दिल्ली में एक्सिडेंट हुआ है और उसे तुरंत इलाज की जरूरत है, उसे इलाज मुहैया कराया जाएगा, साथ ही जान बचाने वाली दवाओं का भुगतान भी सरकार करेगी। सिर्फ मेडिको-लीगल केस में इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत है। यह फैसला गुड समराडटियन पॉलिसी के तहत लिया गया है, जिसे इस वर्ष जनवरी माह में पास किया गया था, जिसे एलजी ने पास किया था।
अस्पताल पहुंचाने वाले को भी 2000 रुपए
इस पॉलिसी के तहत जो लोग सड़क हादसे में घायल लोगों की मदद करते हैं और उन्हे अस्पताल लेकर जाते हैं उन्हे 2000 रुपए का इनाम और एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा। यह पॉलिसी इसलिए सरकार लेकर आई है ताकि अधिक से अधिक लोगों को सड़क हादसे में घायल लोगों की मदद के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। यह पॉलिसी पहली बार तब चर्चा में आई जब 2016 में सुभाष नगर में सड़क हादसे में घायल एक व्यक्ति की अधिक खून बहने से मौत हो गई, कोई भी घायल की मदद के लिए आगे नहीं आया था। इस योजना के तहत ऑटो रिक्शा ड्राईवर को भी लाइफ सपोर्ट ट्रेनिंग दी गई है।