September 22, 2024

फ्रीबीज मामला: चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से मांगी थी राय, केवल 7 ने भेजा जवाब

राजनीतिक पार्टियों द्वारा फ्रीबीज यानी मुफ्त की सौगातें बांटने के मामले पर चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों से राय मांगी थी. हालांकि बताया जा रहा है कि केवल कुछ ही पार्टियों ने इस पर अपनी राय चुनाव आयोग को दी है. चुनाव आयोग ने सभी राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय राजनीतिक दलों से इस पर उनकी राय मांग थी. चुनाव आयोग ने 19 अक्टूबर तक सभी राजनीतिक दलों से मसले पर राय तलब की थी.

सुप्रीम कोर्ट ने 3 जजों के पास भेज दिया था मामला

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर फैसला सुनाते हुए इसे 3 जजों की बेंच के पास भेज दिया था. चुनाव के दौरान मुफ्त की योजनाओं की घोषणा और बाद में उनके अमल से अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर अदालत का यह फैसला आया था. कोर्ट ने कहा कि फ्रीबीज टैक्सपेयर का महत्वपूर्ण धन खर्च किया जाता है. हालांकि सभी योजना पर खर्च फ्रीबीज नहीं होते.

अदालत ने कहा कि था जब यह अदालत नीतिगत मामले से निपटती है, तो ऐसा मामला अदालत के दायरे या अधिकार क्षेत्र से बाहर होता है. हमने इस मुद्दे पर एक श्वेत पत्र तैयार करने के लिए एक समिति का सुझाव देने के बारे में सोचा और अगर एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए तो मुद्दे पर व्यापक बहस की जरूरत को पूरा किया जा सकता है.


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