लालकिले में आयोजित भारत पर्व में उत्तराखंड के हस्तशिल्प और स्वादिष्ट व्यंजनों का मिल रहा स्वाद
देहरादून/नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के लाल किला में आयोजित भारत पर्व में उत्तराखंड पर्यटन विभाग के स्टॉल पर आगामी मार्च में आयोजित होने वाले योग महोत्सव को मुख्य आकर्षण है। पर्यटन विभाग 1 से 7 मार्च के बीच ऋषिकेश में होने वाले योग और आरोग्य के महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव 2023 को केंद्र में रखकर देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है । भारत पर्व में उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत की प्रस्तुतियां भी की जा रही हैं। पर्व में आने वाले लोग बड़ी संख्या में इनमें रुचि दिखा रहे हैं।
भारत पर्व का उद्घाटन बृहस्पितवार, 26 जनवरी 2023 को हुआ। शुक्रवार से इसे आम जनता के लिए खोला गया है। पर्यटन विभाग पर्व में उत्तराखंड थीम पवेलियन, फूड स्टॉल, हस्तशिल्प स्टॉल के जरिए लोगों को आकर्षित कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव को प्रोत्साहन देने के लिए योग एवं अध्यात्म की राजधानी ऋषिकेश में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की प्रदर्शनियों को भी शामिल किया गया है। इसी थीम पर एक सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है। महोत्सव में शामिल होने के इच्छुक लोगों के लिए वहां निरूशुल्क रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी उपलब्ध करायी गई है।
उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा 1 से 7 मार्च 2023 को आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में देश भर के प्रतिष्ठित योग संस्थानों ईशा फाउंडेशन, कैवल्यधाम, कृष्णामचार्य योग मंदिरम, आर्ट ऑफ लिविंग के योगाचार्यों द्वारा योग सत्र का आयोजन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त योग महोत्सव में आए प्रतिभागियों के लिए आयुर्वेदाचार्यों द्वारा निरूशुल्क चिकित्सीय सत्र नाड़ी प्ररीक्षण और विशेषज्ञों द्वारा परामर्श सत्र का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा योग महोत्सव में संध्या आरती, शास्त्रीय भजनसंध्या, लोक संगीत , लोक नृत्य आदि सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की जाएगी।
योग महोत्सव में अधिक से अधिक विदेशी सैलानियों के आगमन को सुनिश्चित करने के लिए पर्यटन विभाग ने टूर ऑपरेटरों के लिए प्रोत्साहन राशि की घोषणा की ही जिसमें प्रत्येक टूर ऑपरेटर को प्रत्येक विदेशी पर्यटक की बुकिंग के एवज में ₹10,000 और अधिकतम ₹5 लाख की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा शनिवार को भारत पर्व में एक सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया जाएगा जिसमें लोकनृत्य व लोकगीतों के माध्यम से लोगों का मनोरंजन किया जाएगा और देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराया जाएगा । इसके अतिरिक्त उत्तराखंड के स्टॉल पर स्थानीय व्यंजनों का भी लुत्फ लिया जा सकता है। इनमें से कई व्यंजन अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 पर केंद्रित है जिनमें झंगोरे की खीर, मंड़वे की रोटी, गहत के पराठे, कुमाऊंनी रायता, तिल के लड्डू, भुनी हुई छाँस , बाल मिठाई, भांग और आम की चटनियाँ, उड़द दाल के पकोड़े, गहत की दाल (कुलथ) आदि शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त हस्तशिल्प स्टॉल पर राज्य की हस्तशिल्प कला उत्पादों की प्रदर्शनी व बिक्री की जा रही है। इन हस्तशिल्प कलाओं में ऐपण आर्ट, बद्रीनाथ व केदारनाथ के प्रतीक चिन्ह, स्थानीय पेड़ पौधों की रेशों से बने कंबल, चटाईयाँ, रस्सियाँ व कपड़े, बाँस के सूप व टोकरियाँ और मिट्टी के बर्तन आदि शामिल हैं।