गुलाम नबी आजाद ने की कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग, कहा- किसानों से क्या लड़ना
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं, यह हमारे अन्नदाता हैं। हमारे पेट भरते हैं, जब मैं इनको हमारा कहता हूं तो इसका मतलब यह कांग्रेस के नहीं बल्कि पूरे देश के हैं, इनसे क्या लड़ाई लड़ना।
गुलाम नबी ने कहा, अगर किसान कानून स्टैंडिंग कमिटी में जाता तो आज यह नौबत नहीं आती।’ उन्होंने प्रधानमंत्री से लापता 44 लोगों की छानबीन कर उनका पता लगाने की बात भी कही। उन्होंने कहा, ‘जो लोग लापता है, हम प्रधानमंत्री से कहेंगे कि उनकी छानबीन कर उनका पता लगा है कि वह कहां लापता हैं।’
26 जनवरी को लाल किले पर झंडा फहराने की निंदा करते हुए गुलाम नबी ने कहा, ‘जो कुछ लाल किले पर हुआ, हमारी पार्टी उसकी निंदा करती है। वह कतई नहीं होना चाहिए, कोई भी कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता। 15 अगस्त को वहां हमारे प्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं। हमारे तिरंगे का भी अपमान हुआ है और जिन लोगों ने ऐसा किया, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन जो निर्दोष किसान नेता हैं, उनको फंसाने की हरकत ना की जाए वरना दूसरा आंदोलन खड़ा हो जाएगा।’
गुलाम नबी ने कहा, ‘कुछ पत्रकारों और हमारे सांसद शशि थरूर पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया, जो विदेश राज्य मंत्री रहे हैं। शशि थरूर ने पूरी दुनिया में भारत का नेतृत्व किया है, अगर वह देशद्रोही है तो हम सब फिर देशद्रोही हैं। कैसे कोई सांसद जिसे लोगों ने चुना है और सदन में लोगों का नेतृत्व कर रहा है, उसे हम देशद्रोही ठहरा सकते हैं।’
केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए उन्होंने कहा, ‘सरकार तीन कृषि कानूनों को अपनी प्रतिष्ठा ना बनाएं। मैं प्रधानमंत्री से अपील करूंगा कि वह खुद इसका ऐलान करें। सरकार कृषि कानून को वापस ले। सरकार के पास कई बड़ी चुनौतियां हैं। कोविड से लेकर अर्थव्यवस्था को लेकर जीरो से शुरू करना है।’