September 22, 2024

प्रभारी प्रधानाचार्य और प्रभारी प्रधानाध्यपक को डीडीओ के अधिकार का जीओ जारी

देहरादून। प्रदेश के उन विद्यालयों में जिनमें प्रधानाचार्य और प्रधानाध्यापक के पद खाली है। उनके प्रभारी प्रधानाचार्य और प्रधानाध्यापकों को आहरण-वितरण का अधिकार दिया जाएगा। शासन ने इस सम्बन्ध में आदेश जारी किया है।

शिक्षा महानिदेशालय की ओर से पहले मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों को इसका प्रभार देने का प्रस्ताव तैयार किया था। राज्यभर में शिक्षकों के इस प्रस्ताव के विरोध के बाद यह आदेश जारी किया गया है।

शिक्षा महानिदेशालय ने मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों को न सिर्फ डीडीओ का अधिकार, बल्कि यह प्रस्ताव भी तैयार किया था कि खंड और उप शिक्षा अधिकारी के खाली पदों का प्रभार भी इन्हें दिया जाएगा।

शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी का कहना था विभागीय अधिकारियों और प्रधानाचार्य के खाली पदों को देखते हुए यह फैसला लिया गया था। शिक्षा महानिदेशालय के इस प्रस्ताव पर प्रदेश में शिक्षक और मिनिस्ट्रीयल कर्मचारी आमने-सामने आ गए थे। राजकीय शिक्षक संघ ने मामले को लेकर शिक्षण कार्यों के बहिष्कार का ऐलान किया था। संगठन का कहना था कि यह मामला 70 हजार शिक्षकों के सम्मान से जुड़ा है।

राजकीय शिक्षक संघ के बाद प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ भी इस प्रस्ताव के विरोध में आ गए थे।

वहीं, उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन का कहना था कि मामले को लेकर शिक्षक गलत बयानबाजी कर रहे है। इस मामले में विरोध बढ़ता देख शासन ने उन प्रवक्ता और सहायक अध्यापक एलटी को डीडीओ का अधिकार देने का निर्णय लिया है। जिन्हें स्कूल में प्रधानचार्य और प्रधानाध्यपक न होने पर प्रभारी प्रधानाचार्य और प्रधानाध्यापक का प्रभार दिया गया है। अपर सचिव वित्त गंगा प्रसाद ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।

राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने शिक्षकों को डीडीओ का अधिकार दिए जाने पर शिक्षा मंत्री डॉ० धन सिंह रावत का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि संगठन की कुछ और भी मांगे है उन पर भी जल्द अमल किया जाए।


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