श्वास रोगियों के लिए खुशखबरी, उत्तराखण्ड में पहला पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर हुआ शुरु
देहरादून: महंत इन्द्रेश अस्पताल में उत्तराखण्ड का पहला पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर (व्यायामशाला) शुरू हो गया है। सांस के गम्भीर मरीजों को भर्ती रहने व ओपीडी उपचार के दौरान विशेष सांसों के व्यायाम द्वारा उपचार उपलब्ध करवाए जाने के उद्देश्य से इस सेंटर की स्थापना अस्पताल में की गई है।
महंत इन्द्रेश अस्पताल के वरिष्ठ छाती एवम् श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ जगदीश ने बताया, सेंटर की विशेषज्ञ टीम की देखरेख में रेसपिरेट्री मसल्स को मजबूत बनाने व सांस फूलने की समस्या से ग्रसित मरीजों को दवाओं के उपचार के साथ साथ सांसों के विशेष अभ्यास सेंटर में करवाए जा रहे हैं।
डॉ जगदीश रावत ने जानकारी दी कि पल्मोनरी रिहेबिलिटेशन सेंटर में गम्भीर श्वास रोगियों को विशेष व्यायाम करवाने के लिए आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं। साइकिल पैडल एक्ससाइज़, अपर लिंब-लो लिंब एक्सरसाइज, एक्टिव साइकिल ब्रीदिंग कंट्रोल, पर्सलिप ब्रीदिंग कंट्रोल, एक्सरसाइज़, पोस्टोरल ड्रेनेज एक्रसाइज़, लो-लिम्ब स्ट्रेंदनिंग एक्सासाइज़ के द्वारा मरीजों को विशेष अभ्यास करवाए जा रहे हैं।
सेंटर ट्रेनर डॉ दीप्ती जायसवाल ने जानकारी दी कि अन्तर्राष्ट्री मानकों के अनुरूप इस कॉन्सेप्ट को तैयार किया गया है। इस प्रकार के सेंटर दिल्ली, चण्डीगढ़, बॉम्बे, गुजरात जैसे मेट्रो शहरों में ही उपलब्ध हैं।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में यह सेंटर खुलने से सांस के रोगियों को बड़ी राहत मिली है। इस कॉन्सेप्ट के अन्तर्गत दवाओं के साथ साथ विशेष एक्सरसाइज़ की मदद से मरीजों को जल्द ठीक होने में मदद मिलेगी।
जिम एक्ससाइज़ व सेंटर की व्यायामशाला के व्यायास के अन्तर को समझाते हुए कहा कि सामान्य जिम में वेट लिफ्टिंग के बारे में ट्रेंड किया जाता है, जबकि पल्मोनरी रिहेबिलिटेशन सेंटर में पल्मोनरी मरीजों के उपचार व सांस सम्बन्धी मसल्स की मजबूती को ध्यान में रखते हुए विशेष सांस के अभ्यास करवाए जाते हैं। एक से दो हफ्ते की अभ्यास प्रक्रिया के बाद से ही मरीज़ को फायदा मिलने लगता है।