उत्तराखंड में हाई-वे के पास शराब की बिक्री को सरकार ने दी मंजूरी
देहरादून। राज्य के राजस्व में हो रही कमी को देखते हुए उत्तराखंड की सरकार ने गुरुवार को एक विवादित फैसले पर सहमति दी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाई-वे से 500 मीटर के परिक्षेत्र में शराब की बिक्री पर रोक लगाने के आदेश के बाद उत्तराखंड की सरकार ने अब इस आदेश को मानने से इंकार कर दिया है। राज्य सरकार की एक कैबिनेट बैठक में हुए फैसले के बाद अब उत्तराखंड में हाई-वे के 500 मीटर के परिक्षेत्र में शराब की बिक्री की अनुमति दे दी गई है।
जानकारी के अनुसार उत्तराखंड सरकार ने यूपी ऐक्साईज ऐक्ट 1910 में एक बड़ा संशोधन करते हुए होटलों और शराब की दुकानों को अब सप्लाई और सर्विस कैटिगरी में शामिल करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के बाद उत्तराखंड में शराब बिक्री के लिए मिलने वाले लाइसेंस को अब सप्लाई ऐंड सर्विस कैटिगरी में दिया जाएगा, जिसके चलते अब हाई-वे के पास भी शराब की दुकानें खोली जा सकेंगी। सूत्रों की माने तो सरकार ने यह संशोधन राज्य में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से घटे राजस्व को फिर से बढ़ाने के लिये किया है।
2018 में 2310 करोड़ की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य
साल 2018-19 के लिए ऐक्साईज विभाग की ओर से कुल 2310 करोड़ की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है। विभाग का अनुमान है कि शराब बिक्री पर लगे बैन को हटाने से विभाग को कुल 200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी हो सकेगी, जिसे राज्य की योजनाओं के लिये खर्च किया जाएगा। सरकार के इस फैसले के बारे में बात करते हुए उत्तराखंड सरकार के मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि सरकार ने कैबिनेट की बैठक में जिस संशोधन को मंजूरी दी है उसका उद्देश्य राज्य में अवैध शराब की बिक्री को रोकना है। वहीं विपक्षी दल कांग्रेस ने त्रिवेंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार ने यह निर्णय शराब कारोबारियों के दबाव में लिया है।