सरकारी विभाग और बैंकों का पीएम केयर फंड पर जोर, वेतन कटौती से लेकर छुट्टी के जरिए पैसा जमा करने के निर्देश

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कोविड-19 के संकट से लड़ने के लिए बने प्रधानमंत्री केयर फंड में ज्यादा से ज्यादा पैसा जमा हो जाए, इसके लिए सरकारी विभागों और पब्लिक सेक्टर बैंकों ने कमर कस ली है। इसके तहत केंद्रीय कर्मचारियों को जहां एक दिन की सैलरी देने को कहा गया है, वहीं कुछ विभाग में मार्च-21 तक हर महीने एक दिन की सैलरी देने का भी सर्कुलर जारी हुआ है। हाल ही में केंद्र सरकार ने पहले से बने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के अलावा कोविड-19 संकट के लिए प्रधानमंत्री केयर फंड बनाने का ऐलान किया है।

रेवेन्यू डिपार्टमेंट में मार्च-21 तक कटेगा वेतन

वित्त मंत्रालय के रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने बकायदा 17 मार्च को जारी सर्कुलर में अपने विभाग के कर्मचारियों से कहां कि वह मार्च 2021 तक हर महीने में अपने वेतन में से एक दिन की सैलरी पीएम केयर फंड में दे सकते हैं। हालांकि जो कर्मचारी ऐसा नहीं करना चाहते हैं, वह उसकी जानकारी 20 अप्रैल तक अपने इम्प्लाई कोड के साथ दे सकते हैं। विभाग के कर्मचारी का कहना है कि ऐसी स्थिति में कौन कर्मचारी नहीं देने का फैसला कर सकता है। बड़े अधिकारियों तक तो ठीक है लेकिन जो तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं, उनके लिए दिक्कत हो सकती है।

दूसरे विभागों में केवल एक दिन की कटेगी सैलरी

 रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अलावा दूसरे विभागों में भी पीएम केयर फंड में डोनेशन देने की अपील की गई है। हालांकि इसके तहत कर्मचारियों को एक दिन की सैलरी देने को कहा गया है। लेकिन रेवेन्यू डिपार्टमेंट के फैसले के बाद कई कर्मचारियों को ऐसा लग रहा है कि उनके विभाग में भी मार्च 2021 तक एक दिन की सैलरी डोनेट करने का फैसला आ सकता है।

 बैंकों में भी सैलरी के अलावा छुट्टी कटाने का निर्देश

भारतीय स्टेट बैंक ने भी अपने कर्मचारियों के एक दिन के वेतन को पीएम केयर फंड में देने को कहा है। इसके अलावा उन्हें यह भी विकल्प दिया गया है कि वह एक दिन की छुट्टी भी कोविड-19 के लिए फंड जुटाने के लिए डोनेट करें। एक बैंक अधिकारी का कहना है, कर्मचारियों को कहा जा रहा है कि आप सैलरी में कटौती करें। मान लीजिए कोई कर्मचारी किसी दूसरी जगह पैसा देना चाहता है, तो उसके सामने विकल्प होना चाहिए।

इसी तरह पंजाब नेशनल बैंक ने भी अपने कर्मचारियों से एक दिन की प्रिवलेज लीव की कौटती की है। इससे मिले पैसे को पीएम केयर फंड में जमा किया जाएगा। वहां पर एक दिन की सैलरी में कटौती नहीं की गई है। पीएनबी की तरह बैंक ऑफ बड़ौदा में भी प्रिवलेज लीव की कटौती की गई है। साथ में पीएम केयर फंड में अलग से डोनेशन देने की भी अपील की गई है।

इसी तरह भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मचारियों के पास भी कंपनी के चेयरमैन की तरफ से संदेश आया है, कि वह अपनी इच्छा अनुसार पीएम केयर फंड में पैसा जमा करें। साफ है कि सभी सरकारी संस्थानों का इस समय ज्यादा से ज्यादा जोर पीएम केयर फंड में पैसा जमा कराने पर है।

 प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में 3,800 करोड़

 प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समय 1948 में बने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में भी करीब 3,800 करोड़ रुपये जमा है।  इसकी जगह सरकार की प्रधानमंत्री राहत कोष को बनाने के पीछे दलील यह थी कि राहतकोष के पैसे को निकालने में कई सारी संवैधानिक प्रक्रियायों को पूरा करना होगा, जिसमें समय ज्यादा लग सकता है। ऐसे में केयर फंड से मिले डोनेशन का जल्द इस्तेमाल हो सकेगा।