September 22, 2024

चाइनीज कंपनियों का भारतीय कंपनियों के साथ जॉइंट वेंचर जरूरी, इंडिया में तभी मिलेगी एंट्री

चाइनीज इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों को सरकार भारत में एंट्री दे सकती है, लेकिन इसके लिए भारत की कंपनियों के साथ जॉइंट वेंचर बनाना होगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, चाइनीज कंपनियां अगर लोकल कंपनियों के साथ भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाएंगी, तो उन्हें बिजनेस का अवसर मिल सकता है. सरकार यह नियम बनाने वाली है कि न सिर्फ चाइनीज कंपनियां बल्कि दक्षिण कोरिया, ताइवान और वियतनाम की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियां भी भारत में जॉइंट वेंचर के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स का काम कर सकती हैं.

‘इकोनॉमिक टाइम्स’ की एक रिपोर्ट में कहा गया है, जॉइंट वेंचर में इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों का काम शुरू हो सकता है जिसमें पार्टनरशिप में भारतीय कंपनियों का शेयर अधिक होना जरूरी है. भारतीय कंपनी का बोर्ड ही जॉइंट वेंचर की पूरी कंपनी पर नियंत्रण रखेगा. हालांकि अभी इस पर कोई फाइनल निर्णय नहीं लिया गया है. इस पर निर्णय तभी फाइनल होगा जब जॉइंट वेंचर का पूरा नियम तैयार हो जाएगा.

क्या है सरकार की प्लानिंग

पड़ोसी देशों की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के सभी प्रपोजल को भारत में फाइनल नहीं किया जाएगा क्योंकि इससे स्थानीय कंपनियों के बिजनेस पर असर पड़ेगा. हालांकि पड़ोसी देशों की हाई-एंड टेक्नोलॉजी वाली कंपनियां अगर भारत में अपना बिजनेस करना चाहती हैं तो उन्हें जॉइंट वेंचर में मौका दिया जाएगा और ऐसी कंपनियों के प्रपोजल पर सरकार जरूर विचार करेगी.

हाईटेक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में लगी ताइवान, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय देशों की कंपनियों को भारत की जॉइंट वेंचर कंपनियों के साथ मौका देने का प्रस्ताव है. इसी के साथ सरकार उन देसी कंपनियों की पहचान करेगी जिनके साथ विदेशी कंपनियों का जॉइंट वेंचर बनाया जा सकता है. इस तरह का जॉइंट वेंचर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों के लिए तैयार किया जाएगा. इसके लिए बड़ी कंपनियों को ही चिन्हित किया जाएगा.

जॉइंट वेंचर में आएंगी चीनी कंपनियां

भारत में ऐसी कंपनियों की संख्या कम है जो बड़े स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का काम करती हैं. इसलिए उन बड़ी कंपनियों की पहचान की जाएगी जिन्हें इलेक्ट्रॉनिक्स सेगमेंट के जॉइंट वेंचर में लिया जा सकता है. इस तरह की 50-60 बड़ी कंपनियों की पहचान जल्द ही शुरू की जाएगी. प्रपोजल जैसे ही फाइलन होगा, देसी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों को मंजूरी दे दी जाएगी. विदेशी कंपनियों के साथ जॉइंट वेंचर बनाने से भारत में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर में मदद मिलेगी. इससे इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री को बेहद फायदा होगा.


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