September 22, 2024

हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र की बेबाक बयानी से असहज हुई सरकार!

पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत

देहरादून। हरिद्वार से नवनिर्वाचित सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने बेबाक बयानों के चलते सुर्खियों में रहते हैं। उनकी इस बेबाक बयानी से कई बार सरकार को भी असहज होना पड़ता है। त्रिवेंद्र सिंह रावत की कार्यशाली कुछ ऐसी है कि वह जो कहना चाहते हैं, कह देते हैं। फिर उन्हें उसके अंजाम की परवाह नहीं होती है।

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाल ही मे दिया खनन को लेकर बयान बताता है कि मौजूदा समय में हरिद्वार जिले में अवैध खनन हो रहा है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने बयान में कहा, ‘मैं जब से जीता हूं, तब से कई लोग मेरे पास आए हैं। कई लोगों का आरोप है कि कई रसूखदार लोग किसानों के खेतों में जबरदस्ती खनन कर रहे हैं। मैंने उन सभी लोगों से कहा है कि मैं जल्द ही इस बारे में अधिकारी से बात करूंगा’।

आगे त्रिवेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि, अवैध खनन से न केवल राज्य को आर्थिक रूप से नुकसान हो रहा है; बल्कि किसानों के साथ भी उचित नहीं हो रहा है। उनके खेतों को अगर नुकसान पहुंचाया जा रहा है तो हमे सबको इस बारे में विचार करना होगा। मैंने सभी लोगों को खनन रोकने का भरोसा दिलाया है।

इससे पहले भी कई मर्तबा त्रिवेंद्र सिंह रावत ऐसे बयान दे चुके हैं जिससे सरकार को सहज होना पड़ा।

पुलिस की जांच के बीच जज से जांच की मांग
इतना ही नहीं, सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से रियल एस्टेट कारोबारी सतेंद्र साहनी सुसाइड केस से नाम जुड़ने पर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि, एक पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते अगर मेरा नाम उसमें घसीटा जा रहा है तो मैं चाहता हूं हू कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो. हाई कोर्ट के रिटायर्ट जज से जांच कराई जाए. इससे पहले भी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने बयान में कहा था कि मेरा नाम जानबूझकर लाया जा रहा है।जबरदस्ती मेरा नाम जोड़ने की कोशिश कर रहा है। फिलहाल, सुसाइड का यह मामला देहरादून पुलिस के पास है।

बेरोजगारों पर लाठीचार्ज का किया विरोध
त्रिवेंद्र सिंह रावत सांसद बनने से पहले भी सरकार के सामने कई तरह के सवाल खड़े कर चुके हैं। बीते साल त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राजधानी देहरादून में हुए बेरोजगार युवाओं के ऊपर लाठीचार्ज को लेकर भी पूरे सिस्टम पर हमला बोला था। त्रिवेंद्र ने कहा था कि बेरोजगार युवाओं पर लाठी बरसाकर हम राज्य की छवि खराब कर रहे हैं।इतना ही नहीं, त्रिवेंद्र ने ये तक कह दिया था कि हमें बेरोजगार युवाओं से माफी मांगनी चाहिए।

इसी दौरान त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दुखी मन से यह भी कहा था कि उनके कार्यकाल में लिए गए फैसलों को अगर मौजूदा सरकार पलट रही है तो यह सही नहीं है। इससे न केवल पार्टी की बल्कि जनता के बीच नेता की छवि भी खराब होती है।

देवस्थानम बोर्ड को खत्म करने को बताया गलत
मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद जैसे ही धामी सीएम बने वैसे ही उन्होंने त्रिवेंद्र सिंह रावत के देवस्थानम बोर्ड पर रोक लगा दी थी। इस बोर्ड पर रोक लगाने के बाद भी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सरकार को इशारों ही इशारों में कहा था कि यह सब काम आने वाले समय में यात्रा में आने वाले यात्रियों के काम आएंगे.और उसी हिसाब से देवस्थानम बोर्ड बनाया जा रहा है। कुछ विरोध अगर हो रहा है तो हमें उसका रास्ता निकालना होगा।लेकिन देवस्थानम बोर्ड को पूरी तरह से खत्म करना यह बिल्कुल भी सही नहीं है।

इतना ही नहीं त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसी साल 2024 में यात्रा शुरू होने के 10 दिन बाद ही अर्थव्यवस्थाओं की वजह से यात्रियों को हो रही परेशानी के बाद भी सरकार पर निशाना साधा था।

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि प्रशासन और सिस्टम यात्रा में अवस्थाओं का ठीकरा चुनावी ड्यूटी पर ना फोड़े; क्योंकि यात्रा हर साल होनी है. चुनाव 5 साल बाद हो रहे हैं. इसलिए यात्रा की व्यवस्था पहले से ही दुरुस्त होनी चाहिए थी।

इस बयान के बाद सरकार भी एक्टिव मोड में आई थी। कई तरह के आदेश देने के साथी यात्रा में श्रद्धालुओं की हो रही परेशानी को देखते हुए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए थे।

 


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