प्रदेश में जल संरक्षण को लेकर क्षत्रिय कल्याण समिति से सरकार लेगी सहयोग
देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को सीएम आवास में क्षत्रिय कल्याण समिति के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में उन्होंने जल संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए उत्तराखण्ड क्षत्रिय कल्याण समिति से सहयोग लेने की बात कही। सीएम ने समिति के स्मारिका 2020-21 किताब का भी विमोचन किया।
सीएम ने समिति में पर्यावरण के अनुभवी लोग होने के वजह से जल संचय की बता कही। क्षत्रिय जागरण स्मारिका में उत्तराखण्ड की पौराणिक एवं सांस्कृतिक जानकारी के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए हुए जन आन्दोलनों एवं राज्य के लिए विशिष्ट योगदान देने वाले लोगों के कार्यों के बारे में जानकारी दी गई है।
स्मारिका 2020-21 को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस स्मारिका में पौराणिक एवं समसामयिक घटनाओं का सही समावेश किया गया है। देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले पराक्रमियों का भी स्मारिका के माध्यम से स्मरण किया गया है।
सीएम ने कहा कि उत्तराखण्ड क्षत्रिय कल्याण समिति समाज हित में निरन्तर कार्य कर रही है। सामाजिक कुप्रथाओं व रूढ़ीवादी विचारों के उन्मूलन, उत्तराखण्ड की सभ्यता एवं सांस्कृतिक विरासत के संवर्द्धन के लिए उत्तराखण्ड क्षत्रिय कल्याण समिति द्वारा सराहनीय प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जल के संरक्षण एवं संवर्द्धन की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। वर्षा जल के संचय के साथ ही राज्य में अनेक झीलों का निर्माण किया जा रहा है। लोगों को ग्रेविटी आधारित जल मिले इसके लिए सौंग एवं जमरानी बांध परियोजना पर कार्यवाही गतिमान है। सूर्यधार झील बनकर तैयार है और मलढ़ूंग बांध पर भी कार्यवाही चल रही है।
इस अवसर पर विधायक सहदेव सिंह पुण्डीर, उत्तराखण्ड क्षत्रिय कल्याण समिति के अध्यक्ष भरत सिंह बिष्ट, महासचिव बृज भूषण रावत, स्मारिका के सम्पादक अतुल नेगी एवं क्षत्रिय कल्याण समिति के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।