September 23, 2024

गुजरात की चुनावी ‘पिक्चर’ से राहुल गायब, क्या 125 सीटों का लक्ष्य भेद पाएगी कांग्रेस?

गुजरात में पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान मंदिर-मंदिर जाकर मत्था टेक रहे राहुल गांधी इस बार चुनावी पिक्चर से पूरी तरह गायब हैं. फिलहाल उनका एक भी कार्यक्रम गुजरात के लिए तय नहीं हुआ है. हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि वह भारत जोड़ा यात्रा को रोककर गुजरात में प्रचार करने जाएंगे, लेकिन कब? ये बड़ा सवाल है.

2017 के विधानसभा चुनावों में राहुल गांधी ने गुजरात के ताबड़तोड़ दौरे किए थे. अल्पेश ठाकोर और हार्दिक पटेल के साथ निकाली गई यात्रा ने भी कांग्रेस को काफी फायदा पहुंचाया था और कई सीटों पर कांग्रेस ने बीजेपी से तगड़ा मुकाबला किया था. परिवर्तन यात्रा कांग्रेस इस बार भी निकाल रही है, लेकिन प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के सभी बड़े चेहरे इससे गायब हैं.

125 सीटें जीतने का लक्ष्य

2017 के चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को कड़ी टक्कर देते हुए 77 सीटें हासिल की थीं, बीजेपी ने 99 सीटें जीतकर सरकार तो बना ली थी, लेकिन कई सीटें ऐसी थीं, जिन पर कांग्रेस उम्मीदवारों को बेहद नजदीकी अंतर से हार मिली थी. यानी कि उनकी जीत लगभग तय थी. पाटीदार आंदोलन की वजह से बीजेपी को कई जगह विरोध का सामना करना पड़ रहा था. वो तो एन वक्त पर बीजेपी के चुनाव प्रचार की कमान पीएम मोदी ने संभाली और उनका मैजिक ऐसा चला कि पासा पूरी तरह पलट गया. इस बार कांग्रेस ने 125 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है, लेकिन कांग्रेस की चुनावी रणनीति में अभी तक उस तरह की धार नजर नहीं आ रही.

अब न आंदोलन है और न ही वे नेता

2017 में कांग्रेस को पाटीदार आंदोलन का सबसे ज्यादा लाभ मिला था. आंदोलन के प्रमुख चेहरे हार्दिक पटेल और ओबीसी समुदाय के लिए काम करने के अल्पेश ठाकोर के समर्थन में भी कांग्रेस की ताकत के तौर पर काम किया था. इस बार पासा पहले ही पलट चुका है, हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर दोनों बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. पाटीदार आंदोलन और उससे उपजी नाराजगी का भी अब कोई वजूद नजर नहीं आ रहा, ऐसे में सारे समीकरण फिलहाल कांग्रेस के खिलाफ जाते ही दिख रहे हैं.

कांग्रेस के पास ये है प्लान

बेशक कांग्रेस के बड़े नेता गुजरात के सियासी समर में नहीं दिखाई दे रहे, लेकिन पार्टी लोकल स्तर पर खुद को मजबूत करने में जुटी हुई है. पार्टी की कोशिश है कि हर बूथ को मजबूत किया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा वोट हासिल किए जा सके. गुजरात में कांग्रेस के चुनाव प्रभारी रघु शर्मा के मुताबिक राज्य के 52 हजार बूथों में से हर बूथ पर 25 नए कार्यकर्ता तैनात किए जा रहे हैं, ताकि 125 सीटें जीतने के लक्ष्य को पाया जा सके.

आप लगा सकती है सेंध

गुजरात में आम आदमी पार्टी पूरी तरह सक्रिय है, पार्टी का फोकस भाजपा और कांग्रेस के कैडर वोट में सेंध लगाने पर है, हालांकि भाजपा अपने कैडर वोट को लेकर आश्वस्त दिख रही है और आदिवासी वोट पर निगाह बनाए हुए है. कांग्रेस की मजबूती ग्रामीण वोट है, लेकिन उसके लिए आम आदमी पार्टी मुसीबत बन रही है. आप के नेता भी ग्रामीण क्षेत्रों पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं. अगर वह इसमें सफल होते हैं तो इसका सीधा नुकसान कांग्रेस को ही होता दिख रहा है.

भाजपा दिख रही मजबूत

गुजरात में पिछली बार पाटीदार आंदोलन को लेकर हो रहे विरोध के बावजूद भाजपा ने सरकार बना ली थी. इस बार बीजेपी भूपेंद्र पटेल को सीएम की कुर्सी पर बैठाकर काफी हद तक आंदोलन से हुए नुकसान को कंट्रोल कर चुकी है. इसके अलावा आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे हार्दिक पटेल और ओबीसी समुदाय के बड़े नेता अल्पेश ठाकोर भी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. अल्पेश का ठाकोर सेना के नाम से एक संगठन भी है, जिसकी पहुंच दस हजार से अधिक गांवों तक है. इसके अलावा पीएम मोदी और अमित शाह समेत बीजेपी के बड़े नेता खुद गुजरात चुनाव पर खासी नजर रख रहे हैं.


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