ज्ञानवापी के सर्वे पर स्वामी प्रसाद मौर्य का बड़ा बयान, कहा- ‘हिन्दू मंदिरों की भी हो जांच, बौद्ध मठों को तोड़कर बने’
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. सपा नेता ने अब एक बार फिर से ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वे को लेकर बड़ा बयान दिया है. मौर्य ने कहा कि अगर सर्वे होना है तो फिर केवल ज्ञानवापी का ही क्यों हो, देश के सभी हिन्दू मंदिरों की भी जांच होनी चाहिए. यही नहीं उन्होंने दावा कि देश के अधिकांश हिन्दू मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गये हैं. बदरीनाथ धाम को लेकर भी स्वामी प्रसाद मौर्य ने ऐसा ही दावा किया है.
एबीपी न्यूज से बात करते हुए सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि “अगर एएसआई सर्वे हो ही रहा है तो वो सिर्फ ज्ञानवापी का ही नहीं होना चाहिए बल्कि जितने भी हिन्दू धार्मिक स्थल हैं, पहले उनकी भी जांच होनी चाहिए, क्योंकि जितने भी हिन्दू धार्मिक स्थल हैं उनसे से अधिकांश मंदिर पहले बौद्ध मठ थे, उन्हें तोड़कर हिन्दू तीर्थ स्थल बनाए गए हैं. मौर्य ने कहा कि अगर गड़े मुर्दे उखाड़ने की कोशिश की जाएगी तो बात बहुत दूर तक जाएगी. हम ऐसा नहीं चाहते हैं. यही वजह है कि भाई-चारा बना रहे, आपसी सौहार्थ बना रहे इसलिए 15 अगस्त 1947 तक जो स्थिति थी उसे ही माना जाए.”
‘बौद्ध मठों को तोड़कर बने हिन्दू मंदिर’
सपा नेता से जब उनके दावे का आधार पूछा गया तो उन्होंने कहा कि एएसआई जब जांच करेगी तो इस बात की भी जांच कर ली जाए. उन्होंने दावा किया कि “8वीं शताब्दी तक बदरीनाथ धाम भी बौध मठ था, आदि शंकराचार्य ने उसे हिन्दू मंदिर बनाया. ऐसे में अगर किसी एक की बात चलेगी तो फिर सभी की बात चलेगी. हम गड़े मुर्दे उखाड़ना नहीं चाहते हैं. मैं हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में सब भाई-भाई में यकीन करता हूं. हम भाईचारे में भरोसा करते हैं. हम समाज को बांटने में नहीं बल्कि जोड़ने पर यकीन करते हैं”
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वे का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में है. आज भी इस मामले पर सुनवाई है, हिन्दू पक्ष जहां ज्ञानवापी का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने की मांग कर रही है तो वहीं मुस्लिम पक्ष ने इस पर रोक लगाने की अपील की है.