ज्ञानवापी मस्जिद: ओवैसी के बयान पर ब्रजेश पाठक ने किया पलटवार

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उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने गुरुवार को कहा कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी ज्ञानवापी मस्जिद  मामले पर बयान देकर ‘‘खबरों में बने रहना चाहते हैं.’’ बहरहाल, पाठक ने ज्ञानवापी मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की और कहा कि मामला ‘‘अदालत में है और हम आदेश का पालन करेंगे.’’

ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर ओवैसी के हालिया बयानों के बारे में पूछे जाने पर पाठक ने कहा, ‘‘एआईएमआईएम प्रमुख इस तरह के बयान देकर खबरों में बने रहना चाहते हैं.’’ ओवैसी ने हाल में कहा था कि वह ज्ञानवापी मस्जिद मुद्दे पर बोलना जारी रखेंगे, क्योंकि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नहीं डरते हैं.

 मैं ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण से आहत हूं: ओवैसी

असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा था कि वह ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण से आहत हैं और 1991 के उच्चतम न्यायालय के फैसले की अनदेखी की गई है. हैदराबाद लोकसभा सीट से सांसद ओवैसी ने कहा कि वह ज्ञानवापी मस्जिद मुद्दे पर बोलना जारी रखेंगे क्योंकि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नहीं डरते हैं.

गुजरात के वडगाम में एक रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा था , ‘‘ज्ञानवापी मस्जिद के मुद्दे पर बोलने पर लोग उनसे सवाल करते हैं. मैं बोलूंगा क्योंकि मैंने अपना ‘जमीर’ नहीं बेचा है, और न ही कभी ऐसा करूंगा. मैं बोलता हूं क्योंकि मैं केवल अल्लाह से डरता हूं, किसी मोदी या योगी से नहीं. मैं इसलिए बोलता हूं क्योंकि बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा बनाया गया संविधान मुझे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है.’’

भारत का मुसलमान मस्जिद खोने को तैयार नहीं – ओवैसी

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग मिलने के हिंदू पक्ष के दावे के बीच ओवैसी ने सोमवार को कहा कि ‘‘अब दोबारा कोई मस्जिद नहीं खोएंगे और ज्ञानवापी कयामत तक मस्जिद ही रहेगी.’’

उन्होंने कहा था, ‘‘अगर हम अपने मोहल्लों और गांवों की मस्जिदों को आबाद रखेंगे तो यह शैतानी ताकतें जो ललचाई हुई नजरों से हमको अपनी तहजीब से महरूम करना चाहती हैं, उनको पैगाम मिल जाएगा कि अब दोबारा भारत का मुसलमान मस्जिद खोने को तैयार नहीं है.’’

गौरतलब है कि वाराणसी की एक स्थानीय अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर किए गए सर्वे में सोमवार को वजू खाने को सील करके वहां किसी के भी जाने पर पाबंदी लगा दी है. हालांकि, मुस्लिम पक्ष शिवलिंग मिलने के दावे को गलत ठहरा रहा है. उसका कहना है कि मुगल काल की मस्जिदों में वजू खाने के अंदर फव्वारा लगाए जाने की परंपरा रही है. उसी का एक पत्थर आज सर्वे में मिला है, जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है.