आपके फोन से कोई और कमा रहा पैसा, हैकिंग के जरिए वर्चुअल करंसी की माइनिंग बढ़ी

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नई दिल्ली। क्या आप जानते हैं कि आपके मोबाइल से कोई और पैसा कमा रहा है? ऐसा आपके गैजेट की कंप्यूटिंग पावर का एक हिस्सा किसी और में काम में लगाकर किया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 2017 के आखिर के कुछ महीनों में वेबसाइट और लोगों के फोन का इस्तेमाल कर वर्चुअल करंसी बनाने में काफी तेजी आई है। इस प्रक्रिया को क्रिप्टोकरंसी माइनिंग कहते हैं। सिमटेक के मुताबिक, चोरी का यह काम करने वाले ऐप्स की संख्या में 34 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है। यह काम एक कोड के जरिए होता है। कोड को किसी वेबसाइट से जोड़ (इनकॉरपोरेट) दिया जाता है। जैसे ही यूजर उस वेबसाइट पर जाता है तो साइबर अपराधी मोबाइल की कंप्यूटिंग पावर इस्तेमाल करके माइनिंग शुरू कर देते हैं।

सिक्युरिटी रिसर्चर इंद्रजीत भुइयां ने बताया, ‘ज्यादा ट्रैफिक वाली भारतीय वेबसाइट्स को इस पर नजर रखनी चाहिए।’ उन्होंने साइबर सिक्युरिटी में एक खामी का पता लगाया। इसका पता वनाक्राई रैंसमवेयर अटैक के दौरान पता चला था।’ दरअसल, मोबाइल या लैपटॉप के ब्राउजर का इस्तेमाल कर क्रिप्टोकरंसी माइनिंग 2013 से हो रही है। इंद्रजीत ने कहा, ‘कई साल की खामोशी के बाद सितंबर में कॉइनहाइव के नई ब्राउजर पर आधारित माइनिंग सर्विस शुरू करने के बाद इसमें तेजी आई है।’

कॉइनहाइव जो सर्विस ऑफर कर रही है, उसमें वेबसाइट के मालिक अपने कोड का इस्तेमाल करके विजिटर हार्डवेयर की पावर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इंद्रजीत ने कहा, ‘अगर हजार लोग किसी टिकट बुकिंग वेबसाइट को विजिट करते हैं तो मालिक हजार कंप्यूटर की सीपीयू पावर का इस्तेमाल करके क्रिप्टो करंसी कमा सकते हैं।’

मिसाल के लिए, आईआरसीटीसी जैसी वेबसाइट पर रोजाना 1 करोड़ विजिटर्स टिकट बुक करने आते हैं। रिसर्चर्स का कहना है कि हैकर्स के लिए यह माइनिंग का शानदार मौका हो सकता है। मुंबई के एक टेक्नॉलजी ब्लॉगर ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया, ‘मैंने कोड को एक हफ्ते तक अपने ब्लॉग में यह देखने के लिए अप्लाई किया कि क्या यह फायदेमंद है? मैं एक हफ्ते में 0.0045 मोनेरियो माइन कर पाया, जिसकी वैल्यू करीब 1,300 रुपये थी।’ मोनेरियो बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी है। बिटकॉइन की तरह पिछले कुछ महीनों में इसकी वैल्यू में जबरदस्त तेजी आई है और अभी यह 155.39 डॉलर पर ट्रेड कर रही है। ब्लॉगर ने बताया, ‘किसी वेबसाइट पर कोड लागू करना बहुत आसान है। माइनिंग शुरू करना भी आसान है। हालांकि यह तभी फायदेमंद है, जब आपकी वेबसाइट पर लाखों विजिटर्स आते हों।’

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