September 22, 2024

रेप के मामले में दोषी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को खट्टर सरकार ने दी जेड प्लस सुरक्षा

दुष्कर्म और हत्या के मामले में सजा काट रहा डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को फरलो के दौरान खट्टर सरकार ने जेड प्लस सुरक्षा दी है. डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 6 फरवरी को जेल से बाहर फरलो दिए जाने के दौरान हरियाणा सरकार ने जेड प्लस सुरक्षा दी है. इसके चलते पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट को हरियाणा सरकार की और से एडवोकेट जनरल ने जानकारी दी है कि गुरमीत राम रहीम को खालिस्तानी आतंकियों  से जान का खतरा है. सीआईडी रिपोर्ट के आधार पर जेल से बाहर फरलो पर आने के दौरान राम रहीम को जेड प्लस सुरक्षा सुरक्षा दी गई है. इसी के चलते जेल से बाहर फरलो पर रहने के दौरान उसे जेड प्लस सुरक्षा दी गई है.

15 दिनों से जेल से बाहर है राम रहीम

बीते 15 दिनों से डेरा प्रमुख जेल से बाहर है.वहीं, 27 फरवरी को उसने सरेंडर करना है. जिसमें डेरा प्रमुख को डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह हत्या मामले,पत्रकार रामचंद्र छात्रपति हत्या मामले समेत साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में सजा हो चुकी है. फिलहाल 400 के करीब साधुओं को नपुंसक बनाने का मामला अभी भी विचाराधीन है.

डेरा प्रमुख राम रहीम बीते 7 फरवरी से गुरुग्राम के नाम सुर्खियों में रह रहा है. जहां पर वह कड़ी पुलिस सुरक्षा बंदोबस्त में है. हालांकि, इस दौरान वह ज्यादा किसी से मिलजुल नहीं रहा है जो लोग उससे मिलने जा रहे हैं, उनका भी पुलिस पूरा रिकॉर्ड रख रही है. ऐसे में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी भी हरियाणा सरकार द्वारा गुरमीत राम रहीम को फरलो देने के फैसले का विरोध कर चुकी है.

निर्दलीय उम्मीदवार परमजीत सिंह सोहाली ने उठाया था फरलो का मुद्दा

गौरतलब है कि पंजाब के समाना विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार परमजीत सिंह सोहाली (56) ने याचिका दायर की थी.इसमें कहा गया था कि डेरा प्रमुख को फरलो ऐसे समय में दी गई, जब पंजाब विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. वहीं, डेरा पंजाब के कुछ इलाकों में प्रभाव का दावा कर करता रहा है. ऐसे में डेरा प्रमुख की रिहाई से प्रदेश के विधानसभा चुनाव पर गलत प्रभाव पड़ेगा. वहीं, कहा गया था कि इतने घिनौने अपराध करने वाले दोषी को यह राहत नहीं मिलनी चाहिए थी. हालांकि, इस याचिका में मांग की गई है कि गुरमीत राम रहीम को फरलो देने के फैसले को रद्द किया जाए. इस फरलो के आदेश को गैरकानूनी व गैरजरूरी बताया गया है. ऐसे में उसे एक बार फिर सुनारिया जेल भेजे जाने की मांग की गई है.


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