हरियाणा की नई विधानसभा के लिए जमीन विवाद: चंडीगढ़ में सियासत गरमाई, गृह मंत्रालय सतर्क

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पंजाब के विरोध और राजनीति के बीच हरियाणा की नई विधानसभा भवन के लिए जमीन हस्तांतरण पर गृह मंत्रालय की नजर, सार्वजनिक अशांति की आशंका

चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): हरियाणा विधानसभा के नए भवन के लिए चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा प्रस्तावित 10 एकड़ जमीन का मामला अब गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है। पंजाब के नेताओं और संगठनों के विरोध के चलते इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्रालय भी सतर्क हो गया है। मंत्रालय को आशंका है कि इस विवाद का उपयोग जन भावनाओं को भड़काने के लिए किया जा सकता है।

गृह मंत्रालय ने जताई चिंता

सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय ने चंडीगढ़ प्रशासन को इस मामले में सतर्क रहने को कहा है। मंत्रालय के पत्र में संकेत दिया गया है कि यह विवाद राजनीतिक और धार्मिक संगठनों के लिए जनभावनाओं को उकसाने का जरिया बन सकता है।

पंजाब ने जताई आपत्ति, राजनीति गरमाई

पंजाब के राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने चंडीगढ़ में हरियाणा को जमीन देने के प्रस्ताव पर कड़ा विरोध जताया है। पंजाब का कहना है कि इस मुद्दे पर पहले राज्य के राजनीतिक दलों और संगठनों से सलाह ली जानी चाहिए।

मास्टर प्लान और पर्यावरण से जुड़े रोड़े

चंडीगढ़ प्रशासन के शहरी योजना विभाग ने कहा कि मास्टर प्लान-2031 में भूमि अदला-बदली की कोई नीति नहीं है। प्रस्तावित जमीन हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आरक्षित है। हालांकि, केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने इको सेंसिटिव जोन की बाधाओं को हटा दिया है।

गृह मंत्री अमित शाह की भूमिका

जुलाई 2022 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई विधानसभा के लिए जमीन हस्तांतरण के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। हालांकि, पंजाब के विरोध के कारण यह मामला फिलहाल टल गया है। अमित शाह के फैसलों को पूरा करने की प्रतिबद्धता को देखते हुए यह मुद्दा भविष्य में और जोर पकड़ सकता है।

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