10 से लेकर 2000 रुपये तक के नोट की प्रिंटिंग पर सरकार का कितना होता है खर्च, जानिए जरूरी बातें

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हर इंसान की तमन्ना यही होती है कि वह ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाए, जिससे आराम से जिंदगी जी सके। पैसा अगर पास होता है तो व्यक्ति अपने सभी शौक पूरे कर लेता है। ऐसे में सबके मन में एक सवाल होता है कि एक नोट को छापने में सरकार का कितने रुपये का खर्च आता होगा।

सवाल होना लाजमी भी है, क्योंकि हर व्यक्ति यह जानने चाहता है। भारत में कई प्रकार के नोट चलते हैं। 5, 10, 20, 50, 100, 200, 500, 2000 रुपये के नोट मार्केट में हर जगह मिलते हैं। वैसे ये नोट  खास तरीके से बनाया जाता है। इसमें कई सिक्योरिटी फीचर्स होते हैं, जिससे इनकी खास पहचान होती है।

नकली और असली नोट की पहचान भी इनसे ही होती है। गांधी जी की फोटो से लेकर रंग, RBI लिखी पट्टी जैसी कई चीजें हैं।ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि एक नोट को छापने  व प्रिंट करने में कितने रुपये का खर्च आता है।

 

2000 के नोट छापने से 2018-19 में काफी कम खर्चा हुआ था, जिससे 1 साल पहले 2017-18 में यह खर्च ज्यादा था और अब काफी कम हो गया। 2019 में नोट छापने में 65 पैसे कम खर्च हुए हैं। 2018 में 2000 रुपये का एक नोट छापने में 4 रुपये 18 पैसे खर्च होते थे, जबकि 2019 में एक नोट छापने का खर्च 3.53 रुपये हो गया। 2000 रुपये के नोट को छापने में 3-4 रुपये का खर्चा आता है। 2019-20 के आंकड़ों के अनुसार बाकी नोटों को छापने में भी अलग-अलग खर्च आता है।

 

– 500 के नोट पर 2.65 रुपये का खर्च आता है।

– 200 के नोट पर 2.48. रुपये का खर्च आता है।

– 100 के एक नोट को प्रिंट करने का 1.51 रुपये का खर्च आता है।

– 50 के नोट पर 1.22 रुपये का खर्च आता है।

– 20 के नोट को छापने का खर्च 10 रुपये के नोट से कम पड़ता है। सरकार को 1 पैसा ही खर्च करना होता है।

– 10 के एक नोट को छापने का खर्च 1.01 रुपये आता है।

वहीं, एक RTI में बताया गया कि पुराने नोट के बजाए नए नोट को छापने का खर्च कुछ कम है। पुराने 500 रुपए के नोट को छापने का खर्चा 3.09 रुपये है, जबकि नए का खर्च 44 पैसे कम है।

जानिए कहां छपते हैं नोट

ये नोट छापता कौन है और कहां छपते हैं? भारतीय करेंसी के नोट भारत सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया छपाई के ऑर्डर पर छापे जाते हैं। यह सिर्फ सरकारी प्रिंटिंग प्रेस में ही छापे जाते हैं। देशभर में चार प्रिंटिंग प्रेस हैं। नासिक, देवास, मैसूर व सालबोनी (प. बंगाल) में नोट छपाई का काम किया जाता है। इसका पेपर भी खास तरीके से तैयार किया जाता है।