‘मैं दलित, पिछड़ों और आदिवासियों का प्रतिबिंब, मेरा राष्ट्रपति बनना भारत के हर गरीब की उपलब्धि’: शपथग्रहण के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
नव-निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ ले चुकी हैं। इसके बाद उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई। शपथ ग्रहण समारोह सोमवार को सुबह 10.15 बजे संसद के केंद्रीय हॉल में आयोजित हुआ। जहां भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। इसके बाद राष्ट्रपति भाषण हुआ।
संसद के सेंट्रल हॉल में समारोह के समापन पर, मुर्मू राष्ट्रपति भवन के लिए रवाना हुईं, जहां फोरकोर्ट में उन्हें एक अंतर-सेवा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। 64 वर्षीय मुर्मू ने गुरुवार को विपक्षी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को एकतरफा मुकाबले में हराकर इतिहास रच दिया। मुर्मू भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनी हैं।
अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “मैं पीएम नरेंद्र मोदी और उन सभी सांसदों और विधायकों को धन्यवाद देना चाहती हूं जिन्होंने मुझे वोट दिया।” उन्होंने कहा, “सभी भारतीयों की अपेक्षाओं, आकांक्षाओं और अधिकारों के प्रतीक-संसद में खड़े होकर मैं आप सभी का नम्रतापूर्वक आभार व्यक्त करती हूं। इस नई जिम्मेदारी को निभाने के लिए आपका विश्वास और समर्थन मेरे लिए एक बड़ी ताकत होगी।”
अपनी जीत को भारत के गरीबों, दलितों और आदिवासियों की जीत बताते हुए उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति पद पर पहुंचना मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, यह भारत के हर गरीब की उपलब्धि है। मेरा नामांकन इस बात का प्रमाण है कि भारत में गरीब न केवल सपने देख सकते हैं बल्कि उन सपनों को पूरा भी कर सकते हैं। मुझे इस बात की संतुष्टि है कि जो लोग वर्षों से विकास से वंचित थे। गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी- मुझे अपने प्रतिबिंब के रूप में देख सकते हैं। मेरे नामांकन के पीछे गरीबों का आशीर्वाद है, यह करोड़ों महिलाओं के सपनों और क्षमताओं का प्रतिबिंब है। ”
अपनी जिंदगी और राजनीति के सफर के बारे में चर्चा करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “मैं ओडिशा में अपने गांव की पहली महिला हूं, जिसने कॉलेज में दाखिला लिया। यह संयोग ही है कि मेरा राजनीतिक जीवन उस समय शुरू हुआ जब देश अपनी आजादी की 50वीं वर्षगांठ मना रहा था। और आज आजादी के 75वें साल में मुझे एक नई जिम्मेदारी मिली है।”
उन्होंने कहा, “मैं देश की पहली राष्ट्रपति हूं, जिसका जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ था। स्वतंत्र भारत के नागरिकों के साथ हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए हमें अपने प्रयासों में तेजी लानी होगी ”
कारगिल दिवस के मौके पर देश के सशस्त्र बलों और नागरिकों को शुभकामनाएं देते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “कल यानि 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस है। यह दिन भारतीय सेना की वीरता और धैर्य दोनों का प्रतीक है। कारगिल विजय दिवस पर मैं देश के सशस्त्र बलों और देश के सभी नागरिकों को अग्रिम बधाई देती हूं।”
उन्होंने आगे जोड़ा, “स्वतंत्र भारत के नागरिकों के साथ हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए हमें अपने प्रयासों में तेजी लानी होगी।”
अपने संबोधन के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्रियों, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य गणमान्य लोगों को बधाई दी, जो संसद के सेंट्रल हॉल में उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे।