27वें वायुसेना प्रमुख : वीआर चौधरी के नाम से भी कांपते हैं चीन और पाकिस्तान, जानें क्या किया था कारनामा
मिग-29 के फाइटर पायलट एयर मार्शल वी आर चौधरी 27वें वायुसेना प्रमुख के तौर पर 1 अक्टूबर को अपना पद भार संभालेंगे। वे मौजूदा वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया की जगह लेंगे जो 30 सितंबर को रिटायर हो रहे हैं। रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि सरकार ने नए वायुसेना प्रमुख के तौर पर मौजूदा वाइस एयर चीफ, वी आर चौधरी को नया वायुसेना प्रमुख बनाने का फैसला लिया है।
1984 में भारतीय सैन्य बल के ‘ऑपरेशन मेघदूत’ का भी वीआर चौधरी हिस्सा रहे थे। इस मिशन के तहत वीआर चौधरी ने भारतीय सैनिकों को कश्मीर स्थित सियाचिन ग्लेशियर की चोटी पर पहुंचाया था और पाकिस्तान की ओर से मिल रही चोटी पर कब्जे की धमकियों के बीच पूरे सियाचिन पर नियंत्रण हासिल किया था। इतना ही नहीं एयर मार्शल वीआर चौधरी करगिल में भारतीय वायुसेना की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सफेद सागर का भी हिस्सा रहे। इस मिशन के जरिए वायुसेना ने एलओसी के करीब करगिल सेक्टर में दूसरी बार पाकिस्तान को अपनी हवाई ताकत का अहसास कराया था।
पिछले साल भारत और चीन के बीच जब लद्दाख में एलएसी पर तनाव छिड़ा था, उस बीच ही उन्हें वेस्टर्न एयर कमांड की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उस समय भारत और चीन की थलसेनाएं आमने-सामने थीं और चीन की ओर से अपने एयरबेस तैयार करने की खबरें सामने आ रही थी। उस समय वीआर चौधरी को ही वायुसेना को अलर्ट पर रखने की जिम्मेदारी दी गई थी। उनकी अगुवाई में भारतीय वायू सेना ने पूर्वी लद्दाख के क्षेत्र में कई हफ्तों तक दिन-रात की गश्त जारी रखी थी और एलएसी के करीब सुखोई-30 एमकेआई से लेकर जगुआर और मिराज 2000 एयरक्राफ्ट तैनात किए थे।
वीआर चौधरी को अपनी सेवाओं के लिए अब तक कई सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है। वीआर चौधरी को 2004 में राष्ट्रपति की ओर से वायु सेना मेडल दिया गया था। 2015 में उन्हें अति-विशिष्ट सेवा मेडल और 2021 में परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें अलग-अलग ऑपरेशन के लिए भी कई बार सम्मानित किया जा चुका है। इनमें ऑपरेशन विजय स्टार, सियाचिन ग्लेशियर मेडल, ऑपरेशन पराक्रम मेडल और विदेश सेवा मेडल शामिल हैं।