मंत्रिमंडल ने दी ब्राजील के साथ संशोधित डीटीएसी पर हस्ताक्षर को मंजूरी।
नई दिल्ली (पीआईबी)। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आय पर कर के संदर्भ में दोहरे कराधान को समाप्त करने तथा वित्तीय कर चोरी को रोकने के लिए भारत सरकार और ब्राजील फेडरेटिव गणराज्य की सरकार के बीच समझौते के संशोधन के प्रोटोकॉल को मंजूरी दी।
कार्यान्वयन रणनीति और लक्ष्यः
मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद प्रोटोकॉल को लागू करने से संबंधित आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी। कार्यान्वयन पर नजर रखी जाएगी और मंत्रालय इसकी रिपोर्ट करेगा।
प्रमुख प्रभावः
दोहरे कराधान को समाप्त करने से संबंधित समझौते (डीटीएसी) के प्रावधानों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अपडेट करने से भारत और ब्राजील फेडरेटिव रिपब्लिक के बीच दोहरा कराधान समाप्त होगा। डीटीएसी के जरिये संविदा तैयार करने वाले राज्यों के बीच कर-अधिकार के स्पष्ट आवंटन से दोनों देशों के निवेशकों और व्यापारों को कर निश्चितता की सुविधा प्राप्त होगी। इस प्रोटोकॉल के माध्यम से ब्याज, रॉयल्टी और तकनीकी सेवा शुल्क पर स्रोत देश के कर दरों में कमी के जरिये निवेश में वृद्धि होगी। संशोधित किया जाने वाला प्रोटोकॉल जी-20 ओईसीडी बेस इरोजन प्रॉफिट शिफ्टिंग (बीईपीएस) परियोजना के न्यूनतम मानकों और अन्य अनुशंसाओं को लागू करेगा। डीटीएसी में प्रस्तावना मूल पाठ को शामिल करने, प्रमुख उद्देश्य की जांच, दुरुपयोग विरोधी प्रावधान के साथ-साथ बीईपीएस परियोजना के अनुरूप लाभ नियम के सरलीकरण से टैक्स नियमों में बेमेल और कमियों से संबंधित कर योजना रणनीतियों को समाप्त करने में मदद मिलेगी।
बिंदुवार ब्यौराः
भारत और ब्राजील के बीच वर्तमान डीटीएसी पर 26 अप्रैल, 1988 को हस्ताक्षर हुए थे और सूचना आदान-प्रदान के संदर्भ में 15 अक्टूबर, 2013 को एक प्रोटोकॉल के जरिये इसे संशोधित किया गया था। संशोधित डीटीएसी जी-20 ओईसीडी बेस इरोजन प्रॉफिट शिफ्टिंग (बीईपीएस) परियोजना के न्यूनतम मानकों और अन्य अनुशंसाओं को लागू करेगा।
बता दें की भारत और ब्राजील के बीच वर्तमान दोहरा कराधान समाप्ति समझौता (डीटीएसी) बहुत पुराना है और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार करने तथा जी-20 ओईसीडी बेस इरोजन प्रॉफिट शिफ्टिंग (बीईपीएस) परियोजना की अनुशंसाओं को लागू करने के लिए इसे संशोधित किए जाने की आवश्यकता थी।