November 24, 2024

बातचीत के बीच चीन की चालबाजी, LAC के पास कर रहा है ये हरकतें

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छले 8 महीने से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी तनाव के बीच चीन अपनी चालबाजी से बाज नहीं है। इस मसले को सुझाने के लिए भारत और चीन के बीच अबतक 9 दौर की बैठक हो गई है लेकिन गतिरोध बना हुआ है। ताजा जानकारी के मुताबिक चीन बातचीत के साथ-साथ एलएसी पर नई साजिश रच रहा है। नेशनल सिक्योरिटी प्लानर के अनुसार चीन की फौज PLA पैंगोंग झील वाले क्षेत्र में नए सिरे से बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती और मिसाइल एवं हथियार जमा कर रहा है। 

खबरों के मुताबिक भारत से तनाव के बीच चीनी सेना ने तिब्बत में आर्टिलरी गन, स्व-चालित होवित्जर और सरफेस-टू-एयर मिसाइल इकाइयों की तैनाती बढ़ा दी है। इंडियन नेशनल सिक्योरिटी प्लानर्स के मुताबिक, चीनी सेना तीनों सेक्टरों में नई तैनाती कर रहा है और सैनिकों के साथ ही भारी सैन्य उपकरणों को एक जगह से दूसरी जगह भेजा जा रहा है। इसके साथ ही चीन ने पैंगोंग त्सो के फिंगर क्षेत्रों में नया निर्माण कर भारत को उकसाने की हरकत कर रहा है।

जानकारी के मुताबिक भारतीय सेना को ऐसे सबूत मिले हैं जिससे पता चलता है कि चीन ने साउथ ब्‍लॉक में सैनिकों की नई तैनाती कर रही है, जिसमें 35 भारी आर्मी वाहन हैं, चार 155 एमएम के पीएलजेड, 83 स्व-चालित होवित्जर शामिल हैं। ये सभी बदलाव पीएलके कैंप में रखा गया है। आपको बता दें कि ये कैंप चूमार पूर्वी लद्दाख में नियंत्रण रेखा से मात्र 82 किलोमीटर की दूरी पर है। 

बताया जा रहा है कि चीन ने भारतीय सीमा से 228 किलोमीटर दूर ल्हासा कैंप के पास एक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल भी तैनात किया है। चीन यहां भारतीय वायु सेना के हमले की आशंका से डरा हुआ है। इसी कारण पीएलए ने एलएसी के साथ सभी प्रमुख शहरों के आसपास एसएएम यूनिट और एंटी-एयरक्राफ्ट गन तैनात की है। इसके साथ ही चीन ने अरुणाचल प्रदेश में फिश टेल एरिया में भारत-चीन-म्यांमार ट्राई-जंक्शन पर भी अपनी गतिविधियां बढ़ा दी है।

भारत का साफ तौर पर कहना है कि यह चीन की जिम्मेदारी है कि सैनिकों को पीछे ले जाने की प्रक्रिया शुरू करे और पूर्वी लद्दाख के गतिरोध वाले इलाके में तनाव कम करे। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के करीब एक लाख सैनिक तैनात हैं। क्षेत्र में दोनों पक्षों की लंबे समय तक डटे रहने की तैयारी है। इस बीच कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर भी सौहार्दपूण समाधान के लिए वार्ता चल रही है। 

आपको बता दें कि भारतीय सेना और चीनी आर्मी के बीच 15 जून 2020 को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी। इसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। जबकि 40 से ज्यादा चीनी सैनिक हताहत हुए। हालांकि चीन ने अपनी तरफ भी हताहतों की संख्या को स्वीकार की है, लेकिन किसी भी संख्या का खुलासा नहीं किया था।

गौरतलब है कि बीते 45 सालों में दोनों देशों के बीच यह सबसे हिंसक झड़प थी। 1967 में सिक्किम के नाथू ला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव था। उस वक्त टकराव में भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे और 300 से ज्यादा चीनी सैन्यकर्मी मारे गए थे।