मंदी पर भारत की चोट, सिर्फ सितंबर महीने में 16 लाख से अधिक लोगों को मिली नौकरी, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
दुनिया की कई बड़ी कंपनियां अपने यहां छंटनी कर रही हैं। इसके पीछे एक्सपर्ट का ओपिनियन है कि ऐसा मंदी के चलते हो रहा है। वहीं भारत के परिपेक्ष्य में देखा जाए तो ये कहानी थोड़ी अलग दिखाई देती है। हमारे यहां नए नौकरी के मौके मिल रहे हैं। इसका एक सबसे बड़ा सबूत सितंबर महीने में जारी हुए नए पीएफ अकाउंट का सितंबर महीने का डेटा है।
16.82 लाख नए सदस्य
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने सितंबर 2022 में 16.82 लाख सदस्य जोड़े हैं। यह संख्या सितंबर 2021 की तुलना में 9.14 प्रतिशत अधिक है। श्रम मंत्रालय ने रविवार को जारी एक विज्ञप्ति में इसके बारे में बताया है। करीब 2,861 नए प्रतिष्ठानों ने अपने कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवर सुनिश्चित करते हुए कर्मचारी भविष्य निधि और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम,1952 का अनुपालन शुरू किया है।
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— EPFO (@socialepfo) November 20, 2022
क्या कहती है रिपोर्ट?
ईपीएफओ के मुताबिक, नियमित वेतन पर रखे गये कर्मचारियों (पेरोल) की संख्या सालाना आधार पर सितंबर 2022 के दौरान 21.85 फीसदी अधिक रही। सितंबर के दौरान कुल 16.82 लाख सदस्यों में से लगभग 9.34 लाख नये सदस्य पहली बार ईपीएफओ के दायरे में आए हैं। इस दौरान जोड़े गए नए सदस्यों में से लगभग 2.94 लाख 18 से 21 वर्ष के आयु वर्ग के हैं। 2.54 लाख सदस्य 21-25 वर्ष आयुवर्ग से हैं। वहीं करीब 58.75 फीसदी 18-25 वर्ष आयुवर्ग के हैं।
आंकड़ों के अनुसार, करीब 7.49 लाख सदस्य योजना से बाहर निकले लेकिन ईपीएफओ के तहत आने वाले प्रतिष्ठानों में फिर से शामिल हो गए। वहीं मासिक आधार पर ईपीएफओ से निकलने वाले सदस्यों की संख्या इससे पिछले महीने की तुलना में करीब 9.65 फीसदी कम रही। आंकड़ों में स्त्री-पुरूष आधारित विश्लेषण से पता चला है कि सितंबर 2022 में शुद्ध रूप से 3.50 लाख महिलाएं संगठित क्षेत्र से जुड़ी। संगठित कार्यबल में शुद्ध रूप से महिलाओं की सदस्यता में एक साल पहले की तुलना में 6.98 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। मासिक आधार पर महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और ओड़िशा में शुद्ध रूप से ईपीएफओ के दायरे में आने वाले सदस्यों की संख्या में वृद्धि का रुख है।