15 औद्योगिक क्षेत्रों में फिर शुरू हो सकता है काम, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने की सिफारिश

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वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने गृह मंत्रालय को सुझाव दिया है कि आवश्यक सामान का उत्पादन करने वाले कल-कारखानों को जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश के साथ खोला जाना चाहिए। उद्योग मंत्रालय ने कहा है कि ऑटो, इलेक्ट्रॉनिक्स सहित 15 इंडस्ट्री को शर्तों के साथ कामकाज की छूट दी जाए। हालांकि इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।

उद्योग सचिव गुरुप्रसाद महापात्र ने गृह सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि खाद्य प्रसंस्करण, पेंट, खाद और बीज, ऑटो मोबाइल, रत्न उद्योग आदि को कम भीड़ वाली शिफ्ट कार्यस्थल पर ही कामगार के रहने खाने के प्रबंध, सोशल डिस्टेंस और साफ सफाई रखने जैसे समुचित एहतियात के साथ खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसके लिए SEZ, EOU और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटीज को ज़िम्मेदारी दी जा सकती है।

स्टील, पावर और माइनिंग से जुड़ी कम्पनियां तो पहले से ही लॉकडाउन से अलग रखी गई हैं। मगर बाकी उद्योगों में प्रवेश और निकास के एक एक पॉइंट बनाकर, उच्च गुणवत्ता वाले सैनिटाइजर और ग्लब्स मास्क मुहैया कराकर उत्पादन सुनिश्चित किया जा सकता है। इसके अलावा ये भी कहा गया है कि प्रेशर कुकर गैस्केट, दवाएं, ग्लब्स, केथेटर, गमबूट्स, रबर कोटेड एप्रन, एनेस्थेसिया और वेंटिलेटर से जुड़े उपकरण आदि बनाने वाले उद्योगों को उत्पादन की छूट दी जाय। शीशा, टिम्बर यानी लकड़ी के पैकेजिंग मटीरियल, गत्ता कागज़ जैसे उद्योगों को भी शुरू किया जाय ताकि लॉकडाउन जब पूरी तरह से खुले तो तैयार माल और पैकेजिंग का संकट ना आए।

गसूरतलब है कि इंडस्ट्री चैम्बर फिक्की ने कुछ चुनिंदा सेक्टर में काम शुरू करने के बारे में सुझाव दिए थे। इस बीच अब एक सरकारी विभाग ने भी सरकार को यह सुझाव दिए हैं कि कैसे कुछ जरूरी सेक्टर में ढील देकर लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जा सकता है।

क्यों है ढील की ज़रूरत?

औद्योगिक प्रोत्साहन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर यह सुझाव दिया है कि कुछ प्रमुख सेक्टर और गतिविधियों में जरूरी सुरक्षा उपायों के साथ काम शुरू किया जा सकता है। डीपीआईआईटी ने ऐसे जरूरी सेक्टर की सूची भी दी है. DPIIT ने कहा है, ‘आर्थिक गतिविधियों में सुधार लाने और लोगों के हाथ में नकदी पहुंचाने के लिए ये गतिविधियां जरूरी हैं।’

जरूरी ट्रांसपोर्ट भी हो शुरू

इसमें यह भी कहा गया है कि अगर श्रमिकों को निर्माण स्थल पर रहने की अनुमति मिलती है तो आवास और निर्माण क्षेत्रों में भी काम शुरू करने की ज़रूरत है। विभाग ने राज्यों के बीच एवं राज्यों के अंदर सभी आकार के परिवहन वाहनों को भी चलाने की अनुमति देने का आग्रह किया है।

सुरक्षा उपाय ज़रूरी

हालांकि गृह मंत्रालय ने अभी डीपीआईआईटी के इस पत्र का अभी जवाब नहीं दिया है। विभाग ने सुझाव दिया है कि जिन उद्योगों को कामकाज की अनुमति दी जा सकती है, उनमें एक ही स्थान से कर्मचारियों का प्रवेश, सामाजिक दूरी बनाये रखने के लिए पर्याप्त जगह, कर्मचारियों को लाने-ले जाने के लिये अलग-अलग परिवहन व्यवस्था या कारखाना परिसरों में रहने के इंतजाम और परिसर में बेहतर साफ-सफाई की व्यवस्था की जानी चाहिए।

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