September 21, 2024

विदेशों को वैक्सीन निर्यात फिलहाल नहीं बढ़ाएगा भारत, घरेलू जरूरत पूरी करने पर ध्यान: सूत्र

देश में कोरोना वायरस के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए भारत ने फिलहाल तय किया है कि विदेशों को वैक्सीन के निर्यात को बढ़ाया नहीं जाएगा। मामले की पूरी जानकारी रखने वाले सूत्रों ने  बताया कि वैक्सीन की घरेलू जरूरत को देखते हुए फिलहाल इसका निर्यात बढ़ाने पर फोकस नहीं है। हालांकि वैक्सीन निर्यात के लिए पहले से जितने भी कॉन्ट्रेक्ट हो चुके हैं उनके तहत वैक्सीन की सप्लाई होती रहेगी और कोरोना से लड़ने में भारत दुनिया के अलग अलग देशों की मदद भी करता रहेगा। 

दुनियाभर के करीब 80 देशों को भारत वैक्सीन की सप्लाई कर चुका है और 6 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन के डोज एक्सपोर्ट हो चुके हैं। इसमें वह एक्सपोर्ट सप्लाई भी शामिल जिसे COVAX करार के तहत भारत ने दुनिया के अलग अलग देशों को भेजा है। लेकिन अब वैक्सीन की घरेलू मांग पर भारत फोकस कर रहा है और निर्यात पर घरेलू मांग को ध्यान में रखते हुए ही विचार किया जाएगा। 

भारत में कोरोना वैक्सीन से वैक्सिनेशन की शुरुआत 16 जनवरी से हुई है और 20 जनवरी से भारत ने दुनिया के अलग अलग देशों को वैक्सीन का एक्सपोर्ट करना भी शुरू कर दिया है। शुरुआत में  भारत ने अपने पड़ौसी देशों को वैक्सीन भेजी है और उसके बाद दुनिया के अलग-अलग देशों में वैक्सीन की सप्लाई की गई है। अबतक भारत दुनिया के लगभग 80 देशों को वैक्सीन भेज चुका है। 

लेकिन पिछले कुछ दिनों से भारत में भी कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैला है और अब घरेलू स्तर पर वैक्सिनेशन को बढ़ाने की मांग हो रही है। इसी मांग को ध्यान में रखते हुए पहली अप्रैल से उन सभी लोगों को वैक्सीन लगवाने की अनुमति दे दी गई है जिनकी आयु 45 वर्ष से ऊपर है। 16 जनवरी को जब वैक्सिनेशन की शुरुआत हुई थी तब सबसे पहले फ्रंट लाइन वारियर्स और 60 वर्ष से ऊपर की आयु के लोगों को वैक्सीन लगवाने की अनुमति दी गई थी, उसके बाद पहली मार्च से उन लोगों को भी अनुमति दे दी गई थी जिनकी आयु 45 वर्ष से ऊपर है और  साथ में वे को-मॉर्बिड हैं, लेकिन अब को-मॉर्बिड होने की शर्त को भी हटा लिया गया है और पहली अप्रैल से उन सभी लोगों को वैक्सीन लगवाने की अनुमति है जिनकी आयु 45 वर्ष से ऊपर है। 


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