September 22, 2024

झंडे का जवाब झंडे से: चीनी सेना को गलवान में भारतीय जवानों ने उसी की भाषा में दिया जवाब, जानें पूरा मामला

भारतीय सेना ने गलवान घाटी में चीन को करारा जवाब दिया है. दरअसल चीन ने अपने जवानों का एक वीडियो साझा किया था, जिसमें पीएलए के सैनिक चीनी राष्ट्रध्वज लिए कुछ गाते नज़र आए थे. इस वीडियो के सामने आने के बाद अब भारतीय सैनिकों की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें सेना के जवान देश का झंडा लिए नज़र आ रहे हैं.

हाल ही में नए साल पर चीनी सेना के जवानों और भारतीय सैनिकों ने एक दूसरे को बधाई पेश की थी और आपस में मिठाईया भी बांटी थीं. हालांकि इन खुशनुमा तस्वीरों के पीछे चीन अपनी नापाक चाल को भी अंजाम देने की फिराक में लगा रहता है. गलवान घाटी में चीनी झंडे की नुमाइश उसी की बानगी है.

चीन पैंगोंग त्सो लेक पर बना रहा है पुल

लद्दाख में पैंगोंग-त्सो लेक पर चीन की पीएलए PLA सेना एक पुल का निर्माण करने में जुटी है. ओपन सोर्स सैटेलाइट इमेज से इस ब्रिज के निर्माण का खुलासा हुआ है. ओपन सोर्स इंटेलीजेंस, ‘इंटेल लैब’ के मुताबिक, चीन पैंगोंग त्सो लेक पर एक पुल तैयार कर रहा है, ताकि उसके सैनिक झील के उत्तर और दक्षिण इलाकों में आसानी से आ जा सकें. इंटेल लैब ने पुल की सैटेलाइट तस्वीर भी जारी की थीं.

2019 में पैंगोंग त्सो झील के उत्तर और दक्षिण दोनों में भारत और चीन की सेनाओं में विवाद हुआ था. झील के उत्तर में विवादित फिंगर एरिया है तो दक्षिण में कैलाश हिल रेंज और रेचीन ला दर्रा है. हालांकि बाद में दोनों ही जगह पर डिसइंगेजमेंट हो गया था लेकिन पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं में तनाव जारी है और दोनों ही सेनाओं के 60-60 हजार सैनिक यहां तैनात हैं. इसके अलावा टैंक, तोप और मिसाइलों का जखीरा भी है.

करीब 140 किलोमीटर लंबी पैंगोंग त्सो झील का दो तिहाई हिस्सा यानि करीब 100 किलोमीटर चीन का हिस्सा है. ऐसे में चीन के सैनिकों को एक छोर से दूसरे छोर जाने के लिए या तो बोट का सहारा लेना पड़ता है या फिर पूरा 100 किलोमीटर घूम कर आना पड़ता है. लेकिन नए पुल के बनने से एक छोर से दूसरे छोर पर पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा. ये पुल चीन अपने ही सीमा-क्षेत्र में तैयार कर रहा है.


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