असम में अवैध रूप से रह रहे लोगों को पश्चिम बंगाल में बसाने की तैयारी शुरू,एनआरसी पर खुफिया रिपोर्ट
असम में अवैध रूप से रह रहे लोगों को पश्चिम बंगाल में बसाने की तैयारी शुरू हो गई है। खासतौर से, राज्य की सीमा के साथ लगते जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को विशेष इंतजाम करने की हिदायत दी गई है। पश्चिम बंगाल, मिजोरम व त्रिपुरा की सरकारों के अलावा खुफिया एजेंसियों से भी यही इनपुट मिल रहा है। असम में रह रहे ऐसे लोग, जिनके पास किसी भी तरह का कोई दस्तावेज नहीं है, वे इन्हीं तीन राज्यों का रुख कर सकते हैं। गोपनीय जानकारी के मुताबिक, पिछले तीन दिन में साढ़े तीन हजार लोग असम से निकल चुके हैं।
बता दें कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) की सूची में चालीस लाख लोगों का नाम नहीं हैं। इनमें बहुत से लोगों के पास राज्य सरकार द्वारा जारी कुछ दस्तावेज तो हैं, लेकिन वे एनआरसी के रिकॉर्ड में नहीं हैं। ऐसे लोग सरकार द्वारा तय प्राधिकरण के पास अपील कर रहे हैं। इन्हीं में बहुत बड़ी तादाद ऐसे लोगों की भी है, जिनके पास अभी तक कोई सरकारी दस्तावेज ही नहीं है। ये लोग असम से निकलना शुरू हो गए हैं।
गृह मंत्रालय में उत्तरपूर्व के राज्यों के जानकार एक बड़े अधिकारी का कहना है कि पश्चिम बंगाल, मिजोरम व त्रिपुरा इनकी पहली पसंद है। वजह, इन राज्यों की सीमा के साथ लगते क्षेत्रों में बांग्लादेश के लोगों की बड़ी तादाद है। असम से आने वाले लोग खुद को यहां सुरक्षित महसूस करेंगे और साथ ही उन्हें कोई काम धंधा शुरू करने में थोड़ी बहुत मदद मिल जाएगी।
हालांकि अधिकारी का कहना है कि ऐसे लोगों को देर-सवेर फिर से एनआरसी सूची का सामना करना पड़ेगा। चूंकि अभी इन लोगों को सुरक्षित शेल्टर पश्चिम बंगाल ही नजर आ रहा है, इसलिए वे यहीं का रूख कर रहे हैं। वहां का प्रशासन इनके लिए नरम और सहयोगी भी है। त्रिपुरा जाने के लिए इन्हें लंबा रास्ता तय करना होगा। मिजोरम पहुंचना इनके लिए मुश्किल नहीं है। वहां भी कुछ लोग पहुंचे हैं।