September 22, 2024

आईटीआर दाखिल करने के लिए अलग-अलग फॉर्म का झंझट खत्म, अब एक से ही चल जाएगा काम

अलग-अलग श्रेणी के टैक्सपेयर्स के लिए अब अलग-अलग इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म नहीं होगा. एक ही फॉर्म से आईटीआर दाखिल करने का काम हो जाएगा. वित्त मंत्रालय ने सभी टैक्सपेयर्स के लिए एकसमान आयकर रिटर्न फॉर्म लाने का प्रस्ताव मंगलवार को रखा जिसमें डिजिटल एसेट से होने वाली इनकम को भी अलग से दर्ज किए जाने का नियम होगा. दरअसल, अब तक इनकम के हिसाब से टैक्सपेयर को अपना आईटीआर फॉर्म चुनना होता है और उसे भरना होता है. इसके लिए वित्त मंत्रालय ने पहले से ही आईटीआर-1, आईटीआर-3, आईटीआर-3 आदि फॉर्म बनाए हैं. अब सबके लिए एकसमान आईटीआर फॉर्म होगा.

वित्त मंत्रालय के तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि ट्रस्ट और गैर-लाभकारी संगठनों को छोड़कर बाकी सभी टैक्सपेयर इस प्रस्तावित नए आईटीआर फॉर्म के जरिये अपने रिटर्न जमा कर सकते हैं. इस नए फॉर्म पर अलग-अलग पक्षों से 15 दिसंबर तक टिप्पणियां मांगी गई हैं. वर्तमान में छोटे और मझोले टैक्सपेयर के लिए आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) के जरिये आयकर रिटर्न जमा किए जाते हैं.

अब नहीं भरा जाएगा अलग-अलग फॉर्म

अभी सहज फॉर्म का इस्तेमाल 50 लाख रुपये तक की सालाना वेतन आय वाला व्यक्ति कर सकता है जबकि सुगम फॉर्म का इस्तेमाल 50 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों और फर्मों के लिए निर्धारित है.

आईटीआर-2 फॉर्म का इस्तेमाल आवासीय संपत्ति से आय अर्जित करने वाले लोग कर सकते हैं जबकि आईटीआर-3 फॉर्म कारोबार और पेशे से लाभ अर्जित करने वाले लोगों के लिए है. आईटीआर-5 और 6 फॉर्म सीमित दायित्व भागीदारी (एलएलपी) और कारोबारों के लिए निर्दिष्ट हैं जबकि आईटीआर-7 फॉर्म का इस्तेमाल ट्रस्ट कर सकते हैं.

क्या कहा सीबीडीटी ने

इनकम टैक्स विभाग के संगठन सीबीडीटी ने कहा कि आईटीआर-1 और आईटीआर-4 आगे भी बने रहेंगे लेकिन व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स के पास इस साझा आईटीआर फॉर्म के माध्यम से भी रिटर्न जमा करने का विकल्प होगा. सीबीडीटी ने कहा, आईटीआर-7 फॉर्म को छोड़कर बाकी सभी रिटर्न वाले फॉर्म को मिलाकर एक साझा आईटीआर फॉर्म लाने का प्रस्ताव है. नए आईटीआर का मकसद व्यक्तियों और गैर-कारोबारी टैक्सपेयर्स के लिए रिटर्न जमा करने को आसान बनाने और इसमें लगने वाले समय को कम करना है.

सीबीडीटी ने कहा कि सभी पक्षों से मिले सुझावों के आधार पर तैयार इस साझा आईटीआर को अधिसूचित कर दिया जाएगा और इनकम टैक्स विभाग इसके ऑनलाइन उपयोग की भी जानकारी देगा. नांगिया एंडरसन एलएलपी के साझेदार संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि नया फॉर्म आने के बाद आईटीआर-2, 3, 5 और 6 फॉर्म के जरिये रिटर्न जमा करने वाले टैक्सपेयर्स के पास अब पुराने फॉर्म का विकल्प नहीं रह जाएगा.


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