जम्मू-कश्मीर में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से हाहाकार, सोना ने संभाला मोर्चा
जम्मू-कश्मीर में निजीकरण और अन्य मांगों को लेकर बिजली विकास विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल का आज तीसरा दिन है। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से यहां बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। बिजली व्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए सेना को मोर्चा संभालना पड़ा है। सोना ने कई ग्रिडों पर जवानों को तैनात कर दिए गए हैं।
इस बीच नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सरकार से कहा कि वह निजीकरण के फैसले को निर्वाचित सरकार पर छोड़ दे। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि नागरिक प्रशासन के विफल होने की इससे बड़ी कोई और स्वीकारोक्ति नहीं हो सकती है कि बिजली बहाली के लिए सेना बुलानी पड़ी। इसका मतलब है कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने सुशासन के पूरी तरह विफल होने को स्वीकार कर लिया है। पीपुल्स कांफ्रेंस के महासचिव इमरान रजा अंसारी ने भी ट्वीट कर सरकार को आड़े हाथों लिया है। कहा कि यह सम्मानीय मनोज सिन्हा का नया कश्मीर है। पहले कभी नहीं सुना।
The army has been called to operate the power infrastructure in Jammu division of J&K. There no bigger admission of failure for a civilian administration than to call upon the army, it means a total breakdown of governance has been accepted by the J&K government. pic.twitter.com/xEVPqF1adN
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) December 19, 2021
वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक देवेंद्र राणा ने जम्मू शहर के कई हिस्से अंधेरे में रहने पर चिंता जताई और प्रशासन से आह्वान किया कि वह इस मुद्दे के समाधान के लिए जल्द कदम उठाए।