जम्मू-कश्मीर की क्षमता का भरपूर उपयोग करने के लिए निजी क्षेत्र बड़े पैमाने पर आगे आ रहे हैं : डॉ. जितेंद्र सिंह
नई दिल्ली। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि निजी क्षेत्र केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में निवेश के लिए एक रूपरेखा बना रहा है। उन्होंने प्रमुख बहुराष्ट्रीय सलाहकार संस्था प्राइस वाटरहाउस कूपर्स (पीडब्ल्यूसी) के अध्यक्ष श्यामल मुखर्जी द्वारा एक प्रस्तुति के दौरान कहा कि नये केन्द्र शासित प्रदेश बनने के दो महीने के भीतर निजी क्षेत्र जम्मू-कश्मीर के युवाओं और अर्थव्यवस्था की क्षमता का दोहन करने के लिए बड़े पैमाने पर आगे आ रहा है।
पीडब्ल्यूसी जल्द ही जम्मू विश्वविद्यालय, कटरा में एक परिसर भर्ती अभियान चलाने वाला है। यह ऐसा ही अभियान केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख के अलावा कश्मीर विश्वविद्यालय और एनआईटी, श्रीनगर, जम्मू के आईआईएम, आईआईटी एवं गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी और प्रौद्योगिकी संस्थान, ज़कूरा में भी चलायेगी। मुखर्जी ने कहा कि पीडब्ल्यूसी केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में न सिर्फ स्थानीय प्रतिभा का दोहन करेगी, बल्कि उनके रोजगार कौशल को बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें संरक्षण और रोजगार संबंधी परामर्श भी मुहैया करायेगी। मुखर्जी ने बताया कि शुरूआत में यह अभियान स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए ही चलेगा, लेकिन धीरे-धीरे ऐसे कार्यक्रम 10+2 स्तर पर भी शुरू किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों को व्यवहारकुशल बनाने के लिए कार्यशालाओं के आयोजन के भी कार्यक्रम हैं।
नेतृत्व करने के लिए पीडब्ल्यूसी की सराहना करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस अभियान से सरकारी खजाने पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा क्योंकि केन्द्र शासित प्रदेश के लिए कोई वित्तीय दायित्व नहीं है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 की मनोवैज्ञानिक बाधा इतनी बड़ी थी कि निजी क्षेत्र पहले के जम्मू-कश्मीर राज्य में निवेश करने से कतराते थे। उन्होंने कहा कि अब यह बाधा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में समाप्त हो गई है और विकास एवं समृद्धि के नये अवसर खुल रहे हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने अधिकारियों को प्रस्ताव को मजबूत करने और सचिव, उच्च शिक्षा के परामर्श से अभियान चलाने का निर्देश दिया। पिछले महीने ‘जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केन्द्र शासित प्रदेशों में सुशासन प्रथाओं की प्रतिकृति’ पर एक क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन जम्मू में किया गया था, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इन दो केन्द्र शासित प्रदेशों में शुरू की जाने वाली पहलों से पहले उठाया गया कदम है।