जयललिता की प्रथम पुण्यतिथि आज, चेन्नई में सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त
आज तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री स्व. जयललिता की प्रथम पुण्यतिथि है। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री स्व. जयललिता की प्रथम पुण्यतिथि पर एआईडीएमके आज विशाल रैली करने वाली है इसके चलते चेन्नई में सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त किए गए हैं।जिलों से करीब 4000 अतिरिक्त पुलिस बल को चेन्नई में तैनात किया गया है। पूरा शहर जयललिता के होर्डिंग्स बैनर और कटआउट से पटा पड़ा है।
बताया जा रहा है रैली में राज्य भर से नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे इसके बाद चेन्नई के मरीना बीच पर जयललिता को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
बता दें कि एआईडीएमके पिछले कई दिनों से जयललिता की पहली पुण्यतिथि मनाने की तैयारी कर रहा है इसी कड़ी में कोयम्बटूर के अविनाशी रोड पर जयललिता की प्रतिमा का भी अनावरण किया गया। कहा जा रहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ई. पलानीस्वामी जयललिता की पहली पुण्यतिथि के मौके पर कई योजनाओं की शुरुआत करेंगे।
74 दिन मौत से लड़ीं जे जयललिता
68 वर्षीय जयललिता को बुखार और शरीर में पानी की कमी के कारण 22 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था…. दो महीने के इलाज के दौरान लंदन, सिंगापुर और एम्स के डॉक्टरों ने उनके फेफड़े के संक्रमण का इलाज किया था। वे तब से अस्पताल में ही थी… 74 दिन अम्मा मौत से लड़ती रही लेकिन 5 दिसंबर को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
34 साल की उम्र में रखा राजनीति में कदम
जयललिता 24 फरवरी 1948 को मैसूर के मांडया जिले के मेलुरकोट गांव में पैदा हुई थी। महज दो साल की उम्र में उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। पिता की मौत के बाद से ही उनकी जिंदगी में संघर्ष का दौर शुरू हो गया। जयललिता वकालत करना चाहती थी। लेकिन उनकी मां ने उन्हें फिल्मों में काम करने के लिए मजबूर किया। जयललिता 1982 में AIDMK की सदस्य बनकर राजनीति में आईं। 1983 में उन्हें पार्टी के प्रचार विभाग का सचिव बनाया गय। 1984 में एमजीआर ने उन्हें राज्य सभा का सांसद बनाया हालांकि कुछ समय बाद ही एमजीआर से उनके मतभेद शुरू हो गए। 1987 में एमजीआर का देहांत हुआ तो पार्टी में विरासत की जंग छिड़ गई। पार्टी का एक धड़ा एमजीआर की पत्नी जानकी रामचंद्रन के साथ तो दूसरा धड़ा जयललिता के साथ खड़ा था। इसके बाद से जयललिता तमिलनाडु की राजनीति के केंद्र में रही। 2016 में दूसरी बार विधानसभा का चुनाव जीतनी वाली वो एमजीआर के बाद दूसरी नेता बनी।
जयललिता की मृत्यु के बाद उनकी विरासत के लिए रस्साकशी चल रही है। जयललिता की मौत पर भी विवाद हो गया था। तमिलनाडु सरकार ने रिटायर्ड जज से जयललिता की मौत किन हालातो में हुयी। इसकी जांच कर रहा है।