गोल्डन बॉय जीतू का ये सफर आसान नहीं रहा, मुश्किलों भरा था बचपन
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महू के जीतू राय ने अपनी शूटिंग की स्वर्णिम सफलता को बरकरार रखते हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्डन शूट लगाया। ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में सोमवार को जीतू राय ने भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता। जीतू ने शूटिंग में सोना अपने नाम किया। गोल्डन बॉय जीतू का ये सफर आसान नहीं रहा, उनका बचपन मुश्किलों भरा रहा है। बता दें कि भारत अब मेडल टैली में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, वहीं ऑस्ट्रेलिया टॉप पर है।
10 मीटर एयर पिस्टल में जीतू ने बनाया रिकॉर्ड
– इस कैटेगरी में जीतू राय ने स्टेज-1 में 49.7 और 100.4 का स्कोर किया।
– स्टेज-2 एलिमिनेशन में 235.1 का स्कोर हासिल किया। यह कॉमनवेल्थ गेम्स में रिकॉर्ड।
– ऑस्ट्रेलिया के केरी बेल ने सिल्वर जीता। उन्होंने स्टेज-1 में 47.6 और 98.4 का स्कोर किया। स्टेज-2 एलिमिनेशन में 233.5 का स्कोर हासिल किया।
आसान नहीं रहा जीतू का सफर…
– अगस्त 1987 को नेपाल के संखुवासभा में जन्मे जीतू का सफर आसान नहीं था। जीतू का बचपन मुश्किलों भर रहा। उनके पिता को भारतीय सेना के गोरखा राइफल्स रेजिमेंट में नौकरी मिली तो वे भारत आ गए। जबकि जीतू परिवार के साथ नेपाल में रह रहे थे। पांच बच्चों के परवरिश की जिम्मेदारी मां पर ही थी। भाई-बहनों में चौथे नंबर के जीतू मां को काम करता देख स्कूल से आने के बाद उनका हाथ बंटाते थे।
पिता की वर्दी देख जागा सेना में जाने का जोश
– पिता को सेना की वर्दी में देख जीतू के मन में भी सेना में जाने का ख्याल आया, जब तक वे ये बात अपने पिता को बता पाते। उनके पिता की मौत की खबर आ गई। ये खबर जीतू और परिवार पर बिजली बनकर गिरी। पिता की मौत के बाद जीतू ने अपनी मां को बताया कि वह सेना में जाना चाहता है। अपने पति को गंवा चुकी मां अब बेटे की ये बात सुन परेशान हो गई। जीतू के समझाने पर मां ने हामी भर दी।
डीएवीवी से की पढ़ाई
– आर्मी में भर्ती के बाद जीतू को लखनऊ कैंप पर भेज दिया गया, जहां उन्होंने शूटिंग की शुरुआत की। यहां से जीतू को आगे की ट्रेनिंग के लिए इंदौर के महू कैंप भेज दिया। जहां जीतू ने शूटिंग की बारीकियों को सीखा।
– जीतू अपनी फिटनेस को लेकर काफी मेहनत करते हैं। फिटनेस के साथ ही जीतू को लगा पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। इसलिए जीतू ने दोबारा पढ़ाई शुरू करते हुए इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
– जीतू के अनुसार उन्हें बचपन से ही फुटबॉल खेलने का शौक है, इसके अलावा उन्हें आमिर खान की फिल्में देखना भी काफी पसंद है।
2009 में शुरू की शूटिंग
– राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त जीतू ने सिपाही के तौर पर गोरखा रेजिमेंट में ज्वाॅइन किया था। जीतू ने अपने करियर के बारे में बात करते हुए बताया कि मैंने शूटिंग 2009 में फौज से जुड़ने के बाद ही शुरू की। ट्रेनिंग के दौरान सीनियर्स ने मेरे निशाने को सटीक लगते हुए देखा और मुझे प्रोफेशनल शूटिंग में जाने की सलाह दी। तभी से सीरियस होकर इस ओर कदम बढ़ाया। नंबर नव बनने की बात पर जीतू ने कहा था कि विश्वास नहीं हो रहा की सिर्फ पांच साल के करियर में मैं वर्ल्ड नंबर वन शूटर बना गया।
लखनऊ में निवास, महू में शूटिंग का अभ्यास
– जीतू वैसे तो लखनऊ में रहते हैं, लेकिन शूटिंग का अभ्यास उन्होंने महूं में किया। जीतू ने 2011 में राष्ट्रीय स्तर पर निशाना साधा। इसके बाद 2014 में एशियाई खेलों भाग लिया। जहां 50 मीटर मेंस पिस्टल में देश को गोल्ड मेडल दिलाया।
– जीतू 2014 में ग्लास्गो कॉमनवेल्थ में गोल्ड, वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर, दो वर्ल्ड कप सिल्वर, इंचियोन एशियाड में स्वर्ण और कांस्य पदक अपने नाम किया।
– 2015 वर्ल्ड कप में कांस्य और 2017 ब्रिस्बेन कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में दो ब्रॉन्ज मेडल पर निशाना साधा।
– 2016 रियो ओलिंपिक में 10 मी एयर पिस्टल में 8वें और 50वें मी एयर पिस्टल में 12वें स्थान पर रहे थे।
– भारत के जीतू राय एयर पिस्टल इवेंट की वर्ल्ड रैंकिंग में दुनिया के नंबर एक शूटर बन चुके हैं। उनसे पहले अंजलि भागवत, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, गगन नारंग, मानवजीत सिंह संधू, रोंजन सोढी और हिना सिद्धू अपने-अपने इवेंट्स में नंबर वन शूटर रहे हैं।