September 22, 2024

जम्मू-कश्मीर ‘रियल एस्टेट’ का टुकड़ा नहीं, मोदी सरकार बहाल करे पूर्ण राज्‍य का दर्जा: चिदंबरम

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने पर अपनी पार्टी के रुख को दोहराया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर ‘रियल एस्टेट’ का टुकड़ा नहीं है।

चिदंबरम ने इस मामले पर अपने पहले ट्वीट में कहा, “कांग्रेस पार्टी की स्थिति कल दोहराई गई कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए, किसी भी संदेह या अस्पष्टता को दूर करना चाहिए। जिसे संविधान के तहत बनाया गया था, उसे संसद के किसी अधिनियम द्वारा संविधान के प्रावधानों की गलत व्याख्या और दुरुपयोग से बिगाड़ा नहीं जा सकता है।”

पूर्व वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि जिन कानूनों ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा छीन लिया है, उन्हें संसद के मानसून सत्र में निरस्त कर दिया जाना चाहिए। चिदंबरम ने कहा, “कश्मीर मुद्दे के राजनीतिक समाधान के लिए शुरुआती लाइन खींचने का यही एकमात्र तरीका है।”

उन्‍होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर एक ‘राज्य’ था, जिसने विलय के एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए और भारत में शामिल हो गया। इसे हमेशा के लिए उस स्थिति का आनंद लेना चाहिए। जम्मू-कश्मीर ‘रियल एस्टेट’ का टुकड़ा नहीं है। जम्मू-कश्मीर ‘लोग’ है। उनके अधिकारों और इच्छाओं का सम्मान किया जाना चाहिए।”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “जम्मू-कश्मीर को अलग करने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और मामले लगभग दो साल से लंबित हैं।”

कांग्रेस पार्टी ने रविवार को कहा था कि केंद्र को संविधान और लोकतंत्र के हित में जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को स्वीकार करना चाहिए।

पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने का केंद्र का कदम “लोकतंत्र और संवैधानिक सिद्धांतों पर सीधा हमला” था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने केंद्र के फैसले के अगले ही दिन एक प्रस्ताव जारी कर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की थी।

24 जून को दोपहर 3 बजे नई दिल्ली में अपने आवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली एक उच्च स्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए चार पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित जम्मू-कश्मीर के 14 राजनीतिक नेताओं को निमंत्रण भेजे जाने के बाद कांग्रेस की तरफ से यह टिप्पणी आई है।

इस बैठक से जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का रोडमैप तैयार होने की उम्मीद है।

5 अगस्त, 2019 के बाद से जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों के साथ प्रधानमंत्री की यह पहली बातचीत होगी, जब केंद्र ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया।


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