अभी-अभीः भारतीय किसान यूनियन की सीएम रावत से मुलाकात, सीएम ने कहा सरकार अन्नदाता के साथ
देहरादून। राज्य सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान के प्रति प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में अनेक निर्णय लिये गये हैं। किसानों को 3 लाख रूपये तक का बिना ब्याज का ऋण उपलब्ध कराये जाने के साथ ही उत्पादों के क्रय की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया है कि सरकार अन्नदाता के साथ खडी है। किसानों की हर समस्या के समाधान के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
यह बात मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को सचिवालय में भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों के साथ बैठक में कही। इस दौरान किसानों की विभिन्न समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए उनके निराकरण की मांग की गयी। जिसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान अपनी किसी भी समस्या के समाधान के लिये टोल फ्री नम्बर 1905 पर अपनी समस्यायें बतायें इससे उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान होगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान के प्रति प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में अनेक निर्णय लिये गये हैं।
किसानों को 3 लाख रूपये तक का बिना ब्याज का ऋण उपलब्ध कराये जाने के साथ ही उत्पादों के क्रय की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान अपनी किसी भी समस्या के समाधान के लिये टोल फ्री नम्बर 1905 पर अपनी समस्यायें बतायें इससे उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान होगा। सीएम रावत ने कहा कि किसानों के हित में देहरादून में किसान भवन बनाया गया है। राज्य सरकार द्वारा गन्ना किसानों को सहकारी चीनी मिलों के स्तर पर लम्बित सौ प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया गया है।
धान मूल्य का भुगतान ऑनलाइन 24 घण्टे के अन्दर ही बिल प्राप्त होते ही आरटीजीएस के माध्यम से उनके खाते में जमा की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि नये पैराई सत्र से पहले गन्ना किसानों को उनके गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निजी क्षेत्र की इकबालपुर शुगर मिल जो बन्द हो गई थी जिससे 22,500 किसान जुड़े थे, राज्य सरकार ने इस मिल को 36 करोड़ की गारन्टी देकर खुलवाया है ताकि किसानों को उनके गन्ना मूल्य का भुगतान हो सके। इस अवसर पर किसान यूनियन के प्रतिनिधियों द्वारा रखी गई समस्याओं में प्रत्येक जनपद में किसान भवन बनाये जाने, किसानों को पेंशन दिये जाने, निजी चीनी मिलों के स्तर पर किसानों को लम्बित गन्ना मूल्य का भुगतान किये जाने, धान क्रय केन्द्रों पर एवं मण्डियों में सुविधायें उपलब्ध कराये जाने से सम्बन्धित समस्यायें प्रमुख थी। किसानों का उत्पीड़न न हो इसकी व्यवस्था के निर्देश दिये जाने का भी अनुरोध उन्होंने मुख्यमंत्री से किया।