कानपुर में दौड़ी मेट्रो, सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्रायल रन को दिखाई हरी झंडी
उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक शहर कानपुर को मेट्रो की सौगात मिल गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को बटन दबाकर मेट्रो के पहले ट्रायल रन को हरी झंडी दिखाई. अब दिसंबर तक कानपुरवासी मेट्रो में सफर का लुत्फ़ उठा सकेंगे. 2019 में कानपुर मेट्रो की नींव रखी गई थी. कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन के बावजूद यूपी मेट्रो कारपोरेशन ने दिन रात की कड़ी मेहनत के बाद रिकॉर्ड समय में पहले चरण को पूरा कर दिया है. उम्मीद की जा रही है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो आईआईटी कानपुर और मोती झील के बीच करीब 9 किलोमीटर के स्ट्रेच में मेट्रो दौड़ने लगेगी.
मेट्रो के ट्रायल रन को हरी झंडी दिखाने के बाद वहां मौजूद अधिकारियों और नेताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में इच्छाशक्ति की कमी थी, नहीं तो कानपुर को मेट्रो पहले मिल जाता. उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि उनकी सरकार में इसका शिलान्यास हुआ था और अब कानपुर के लोग इसका लुत्फ उठा सकेंगे. उन्होंने कहा कि मेट्रो से न सिर्फ लोगों के लिए आवागमन का एक विकल्प प्रस्तुत करेगा बल्कि इससे प्रदूषण पर भी नियंत्रण लगाने में मदद मिलेगी.
बता दें पहले चरण के तहत यूपीएमआरसी ने आईआईटी से मोतीझील तक नौ किलोमीटर लंबा एलीवेटेड ट्रैक तैयार किया है. इस रूट पर नौ मेट्रो स्टेशन (आईआईटी, कल्याणपुुर, एसपीएम, विश्वविद्यालय, गुरुदेव, गीता नगर, रावतपुर, हैलट, मोतीझील) बनाए गए हैं. एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन की औसत दूरी एक किलोमीटर है.
कानपुर मेट्रो ट्रेन में एक बार में 974 यात्री यात्रा कर सकेंगे. ट्रेन 80-90 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलेगी. कानपुर मेट्रो की प्रत्येक ट्रेन में 56 यूएसबी चार्जिंग पॉइंट और 36 एलसीडी पैनल्स होंगे. ट्रेन में टॉक बैक बटन की भी सुविधा है, जिससे यात्री आपातकालीन स्थितियों में ट्रेन ऑपरेटर से बात कर सकेंगे.
प्रत्येक मेट्रो में 24 सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे, जिनकी फुटेज ट्रेन ऑपरेटर और डिपो में बने सेंट्रल सिक्यॉरिटी रूम में पहुंचेगी. वायु प्रदूषण को कम करने के लिए ट्रेनों में मॉडर्न प्रॉपल्सन सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है.