September 23, 2024

कारगिल विजय दिवस:अकेले 17 पाकिस्तान सैनिकों को मारकर शहीद हो गए थे लांस नायक आबिद खान

आज से 22 साल पहले आज ही दिन 26 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को परास्त कर विजय हासिल की थी। इस दिन को पूरे भारतवर्ष में कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाते हैं। करीब दो महीने तक चले इस युद्ध में भारतीय ने सेना के जांबाज जवानों ने जो पराक्रम दिखाया उसे हर भारतीय गर्व से याद करता है और अपने मातृभूमि के खातिर मर मिटने वाले अमर सपूतों को श्रद्धा से नमन करता है।

इस युद्ध में भारतीय सेना के बहादुर जवानों ने सैकड़ों पाकिस्तानी सैनिकों को गोलियों से छलनी कर दिया था और जो बच गए थे वे दुम दबाकर भाग गए थे। लेकिन अपनी वीरता का परिचय देते हुए कई भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। शहीद सैनिकों में लांस नायक शहीद आबिद खान भी शामिल था। शहीद आबिद हरदोई जिले के पाली कस्बे के रहने वाले थे। उनकी शहादत पर आज भी यहां का हर एक व्यक्ति फक्र करता है।

 

आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान अकेले मोर्चा लेने और घिर जाने पर वहां से बचकर सकुशल चौकी पर पहुंच जाने पर आबिद को 1995 में सेना मेडल से भी सम्मानित किया गया था। 4 साल बाद 1999 में कारगिल की जंग शुरू हो गई। आबिद बकरीद की छुट्टियों में घर आए हुए थे और तभी हेडक्वाटर से बुलावा आ गया। आबिद की पलटन को टाइगर हिल फतह करने भेजा गया।

30 जून को यह जत्था रावाना हुआ। दुश्मन की गोलाबारी के बीच कई सैनिक शहीद हो गए। एक गोली आबिद के पैर में भी आ लगी। उसके बाबजूद उन्होंने हिम्मत न हारी आगे बढ़कर एक साथ 32 फायर झोंक दिए। आबिद के इस ताबड़तोड़ हमले में 17 पाक सैनिक ढेर हो गए। इस बीच एक और गोली आबिद को आ लगी जिससे यह वीर सपूत देश की रक्षा करता हुआ शहीद हो गया।

आबिद खां का जन्म 6 मई 1972 को हुआ था। उनका सपना था कि वह सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा में अपना योगदान दे सकें। 5 फरवरी 1988 को उनकी यह ख्वाहिश भी पूरी हो गई। वह सेना में भर्ती हो गए। पिता गफ्फार खां और माता नत्थन बेगम के इस बेटे की शादी फ़िरदौस बेगम से हुई।


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