कठुआ मामला : हत्या से पहले दरिंदों ने बच्ची से फिर किया था गैंगरेप
कठुआ मामले के आरोपपत्र से इस बात का खुलासा हुआ है कि आठ वर्षीय बच्ची को जनवरी में एक हफ्ते तक गांव के देवीस्थान में नशीली दवाइयां देकर बंधक रखा गया था। उसकी हत्या से पहले छह दरिंदों ने फिर से उसे हवस का शिकार बनाया था।
जम्मू-कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने सोमवार को 15 पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया। इसमें खुलासा हुआ है कि बकरवाल समुदाय की बच्ची का अपहरण, बलात्कार और हत्या इलाके से इस अल्पसंख्यक समुदाय को हटाने की एक सोची समझी साजिश का हिस्सा थी। इसमें कठुआ स्थित रासना गांव में देवीस्थान, मंदिर के सेवादार को अपहरण, बलात्कार और हत्या के पीछे मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है।
किशोर की भूमिका अहम
बच्ची के अपहरण, हत्या और जंगोत्रा एवं खजुरिया के साथ उससे बार-बार बलात्कार करने में किशोर ने मुख्य भूमिका निभाई। किशोर अपनी स्कूली पढ़ाई छोड़ चुका है।
वयस्क है किशोर
एक अधिकारी ने बताया कि किशोर की मेडिकल जांच से जाहिर होता है कि वह वयस्क है लेकिन अदालत ने अभी तक रिपोर्ट का संज्ञान नहीं लिया है।
एक अलग आरोपपत्र
किशोर की भूमिका के बारे में मंगलवार को एक अलग आरोपपत्र दाखिल किया गया। सभी आठ लोग गिरफ्तार कर लिए गए हैं।
22 गवाहों का बयान दर्ज
पुलिस ने इस मामले में एक न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष 22 गवाहों का बयान दर्ज कराया। इनमें सांझी राम और अन्य द्वारा रची गई साजिश का ब्योरा दिया गया।
हड़ताल से जनजीवन प्रभावित
जम्मू उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए बुधवार को बंद का आह्वान किया था। इससे क्षेत्र में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया।
बार एसोसिएशन ने यह कहते हुए बंद बुलाया है कि अल्पसंख्यक डोगरा समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। बंद के दौरान जम्मू शहर में दुकानें और स्कूल बंद रहे जबकि विभिन्न मार्गों पर सार्वजनिक यातायात कम संख्या में चली । विपक्षी पार्टी कांग्रेस और पैंथर्स पार्टी बंद को समर्थन दिया था।
सख्त सजा मिले: नेकां
नेशनल कांफ्रेंस ने इस मामले में शामिल अपराधियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग करते हुए मार्च निकाला।