सेना ने मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के तहत अपने फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री लड़ाकू वाहन के लिए RFI जारी किया
सेना अब आने वाले वर्षों में एक नई ‘मेक इन इंडिया’ परियोजना के माध्यम से, अत्याधुनिक हथियारों और सैनिकों को तेजी से परिवहन करने में सक्षम 1,750 भविष्य के पैदल सेना लड़ाकू वाहनों (एफआईसीवी) का अधिग्रहण करना चाहती है। पिछले कुछ महीनों से सेना के बड़े अफसर की तरफ से लगातार इस गाड़ी के लिए अनुरोध किया जा रहा था।
इस गाड़ी की खासियत यह है कि ये सेना को लाने ले जाने के साथ ही खतरनाक टैंक को भी पलक झपकते ही नष्ट करने और कम ऊंचाई पर दुश्मन के हेलीकॉटर को बड़े ही आराम से बर्बाद करने में कारगर है।
सेना ने मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के तहत अपने फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री लड़ाकू वाहन के लिए RFI जारी किया है। इस बड़े प्रोजेक्ट में भाग लेने के इच्छुक वेंडरों को एक सप्ताह के भीतर अपनी आवेदन देने के लिए कहा गया है, जिसमें 75-100 लड़ाकू वाहनों को हर साल देने के लिए कहा है।
टेंडर में आवेदन करने वाली कंपनी के लिए यह शर्त रखी गई है कि यह सड़कों के अलावा बिना सड़क वाली जगह पर भी उपयोगी होने चाहिए। जमीन के साथ ही पानी में भी इस्तेमाल करने लायक होने चाहिए, रेतीले इलाके से लेकर 5000 मीटर की ऊंचाई पर भी इनका इस्तेमाल किया जाएगा और इसलिए यह हर कंडीशन के लिए फिट होने चाहिए।
अक्टूबर 2009 में पहली बार रक्षा मंत्रालय द्वारा “आवश्यकता की स्वीकृति” दिए जाने के बावजूद 2,300 एफआईसीवी के लिए एक पूर्व परियोजना नौकरशाही बाधाओं, कॉर्पोरेट प्रतिद्वंद्विता और विवादों में फंसी हुई है।