खुल्लम खुल्ला:अब बीजेपी के निसाने पर पत्रकार, आईटी सेल के हाथ में कमान
दिल्ली। बीजेपी के आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय ने शुक्रवार को ट्विटर पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई पर एक विवादित ओपिनियन पोल शुरू किया है। जिसमें मालवीय ने सवाल उठाया कि क्या राजदीप को आतंकी संगठन आईएसआईएस के लिए पीआर यानी जनसंपर्क संभालना चाहिए। जिससे साफ हो गया है कि आने वाले कुछ दिनों में बीजेपी इसी प्रकार देशभर के पत्रकारों को अपना निशाना बना सकती है। इसके लिए बीजेपी ने बकायदा अपनी आईटी सेल को कमान सौप दी है।
अपने पोल के ऑप्शंस में मालवीशामिल किया. शुक्रवार सुबह सरदेसाई ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने इस बात का जिक्र किया था कि CAA । के समर्थन और CAA के विरोध में हो रही रैलियों में उन्होंने इसमें दिखाए जाने वाले झंडों के अंतर पर गौर किया हैं.। उनके इस ट्वीट के बाद ही मालवीय ने ट्विटर पर ये पोल पोस्ट किया। जिससे साफ हो गया है कि आने वाले कुछ दिनों में बीजेपी अपने इस अभियान को और तेज कर सकती है। दस्तवेज के सूत्र बताते है कि इसके लिए बतायदा बीजेपी ने एक निजी कंपनी से करार किया है जो पत्रकारों पर नजर रखेगी। ऐसे पत्रकारों को शोसल मीडिया के माध्यम से निशाना बनाया जायेगा। बकायदा इस काम के लिए बीजेपी ने अपनी आईटी सेल को और अधिक अधिकार भी प्रदान किये है। वहीं रजदीप सरदेसाई पर किये गये पोस्ट से लोगों में आक्रोश है।
बीजेपी IT चीफ के ट्विटर पोल पर एडिटर्स गिल्ड भड़का
एडिटर्स गिल्ड ने एक बयान जारी कर कहा कि वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई पर किया गया ये पोल न काफी खराब था, बल्कि एडिटर्स गिल्ड के पूर्व अध्यक्ष रहे राजदीप सरदेसाई की ईमानदारी और देशभक्ति पर सवाल उठाता है. अपने बयान में एडिटर्स गिल्ड ने अमित मालवीय से ट्विटर पोल तुरंत हटाने के लिए कहा है.इस बयान के बाद राजदीप सरदेसाई ने एडिटर्स गिल्ड और बाकी पत्रकारों को सपोर्ट के लिए शुक्रिया कहा. राजदीप सरदेसाई ने लिखा कि वो मालवीय को अपनी नई किताब नए साल पर गिफ्ट करेंगे।
27 दिसंबर की सुबह सरदेसाई ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने इस बात का जिक्र किया था कि CAA के समर्थन और CAA के विरोध में हो रही रैलियों में उन्होंने इसमें दिखाए जाने वाले झंडों के अंतर पर गौर किया हैं. उनके इस ट्वीट के बाद ही मालवीय ने ट्विटर पर ये पोल पोस्ट किया.मालवीय के इस सर्वे में शामिल 28 फीसदी यूजर्स ने कहा कि वो मालवीय के बयान से सहमत हैं, 26 फीसदी ने कहा कि वो दृढ़ता से सहमत हैं, जबकि 33 फीसदी यूजर्स ने कहा कि वो असहमत हैं. इस बीच, 13 फीसदी यूजर्स ने कहा कि अप्रासंगिक हैं