हरियाणा: कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुईं पूर्व विधायक किरण चौधरी ने मंगलवार को हरियाणा विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। वह तोशाम विधानसभा क्षेत्र से विधायक थीं और अब उनके इस्तीफे को राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में पार्टी के संभावित फैसले से जोड़ा जा रहा है। विधानसभा स्पीकर ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है, और अब उनके उच्च सदन में जाने की संभावनाओं को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।
राज्यसभा सीट पर सस्पेंस, भाजपा का आज हो सकता है बड़ा ऐलान
सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने राज्यसभा उपचुनाव के लिए किरण चौधरी का नाम तय कर लिया है। हरियाणा में एक राज्यसभा सीट खाली हो गई है क्योंकि दीपेंदर हुड्डा ने रोहतक लोकसभा सीट से जीतने के बाद उच्च सदन से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा की आज हरियाणा में बैठक है, जिसमें राज्यसभा कैंडिडेट की घोषणा की जा सकती है। इस बीच, किरण चौधरी का इस्तीफा यह संकेत दे रहा है कि वह राज्यसभा चुनाव में भाजपा की ओर से उम्मीदवार हो सकती हैं।
किरण चौधरी का राजनीतिक सफर
किरण चौधरी, जो जाट समाज से आती हैं, भाजपा की रणनीति के अनुसार इस वर्ग में पार्टी की पैठ बनाने में सहायक हो सकती हैं। वह हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की बहू हैं और भिवानी-महेंद्रगढ़ क्षेत्र में उनका बड़ा जनाधार है। कांग्रेस में रहते हुए भी वह भूपिंदर सिंह हुड्डा खेमे से अलग मानी जाती थीं। उनके भाजपा में शामिल होने के पीछे की वजह यह बताई जाती है कि उन्हें अपनी बेटी श्रुति के लिए लोकसभा टिकट की उम्मीद थी, लेकिन कांग्रेस ने राव दान सिंह को टिकट दिया, जो हुड्डा के करीबी माने जाते थे। इस निर्णय से नाराज होकर उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा जॉइन कर ली।
राज्यसभा में दो साल का कार्यकाल
दीपेंदर हुड्डा का राज्यसभा में कार्यकाल अप्रैल 2026 तक का था, लेकिन उनके इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हो गई है। अगर किरण चौधरी राज्यसभा में जाती हैं, तो उनका कार्यकाल करीब दो साल का होगा।
सम्भावित राज्यसभा उम्मीदवार
किरण चौधरी के इस्तीफे के बाद अब भाजपा की ओर से राज्यसभा उपचुनाव के लिए उनका नाम सामने आ सकता है। अगर ऐसा होता है तो भाजपा के लिए यह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम होगा, जिससे जाट समाज में पार्टी की स्थिति मजबूत हो सकती है।