September 22, 2024

किसान संगठनों का बड़ा ऐलान, 26 जून को देशभर में प्रदर्शन, हर राज्य में राजभवन का करेंगे घेराव

कृषि कानून के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को आज 197 दिन हो गया है। कृषि कानूनों के लिए बड़ी तादाद में किसान पिछले 26 नवंबर से अपने-अपने तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच सरकार पर दबाब बढ़ाने के लिए किसान संगठन लगातार मंथन कर रहे हैं। इस बीच किसानों 26 जून को देशभर में राजभवनों पर धरना देने का ऐलान किया है।

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेताओं का कहना है कि 26 जून के दिन किसानों का विरोध प्रदर्शन होगा और इस दौरान काले झंडे दिखाए जाएंगे। साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी ज्ञापन सौंपा जाएगा। साथ ही इन लोगों का कहना है कि 26 जून को ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लागू की थी। आज भी मोदी सरकार ने भी देश में अघोषित इमरजेंसी लगा रखी है।

भारतीय किसान यूनियन के नेता धर्मेंद्र मलिक का कहना है कि 26 जून को खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस के रूप में मनाया जाएगा। वहीं राजभवनों पर काले झंडे दिखाकर और हर राज्यों में राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर अपना विरोध दर्ज करायेंगे।

 

एसकेएम के अनुसार, किसान लगातार काले झंडे दिखा कर अलग-अलग जगहों पर बीजेपी नेताओं के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा को कैथल में काले झंडों और नारों का सामना करना पड़ा। महिलाओं और पुरुष किसान दोनों ने बड़ी संख्या में अपना प्रतिरोध व्यक्त करने के लिए भीषण गर्मी का सामना किया। चरखी दादरी में भाजपा की बबीता फोगट को भी किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा।

 

दरअस तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली के अलग-अलग सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020: मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम,2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम,2020पर किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता हेतु सरकार का विरोध कर रहे हैं ।


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