September 21, 2024

किसान आंदोलन का 118वां दिन, गाजीपुर बॉर्डर पर आज शहीदी दिवस मनाएंगे किसान

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 118वां दिन है। लेकिन इस गतिरोध का अबतक कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है। एक तरफ जहां किसान अपनी मांगों पर अड़े हैं वहीं सरकार भी पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है। गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान अड़े हैं, हालांकि उनकी तादाद अब काफी कम हो गई है। 

इन सबके बीच किसान नेता अपने आंदोलन को फिर से तेज करने और धार देने आंदोलनकारी किसान लगातार नई रणनीति पर मंथन कर रहे हैं। इतना ही नहीं अपने साथ ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ने के लिए किसान संगठनों के बड़े नेता लगातार पंचायत और महापंचायत कर रहे हैं। इसी कड़ी में जयपुर में आज किसान नेता राकेश टिकैत महापंचायत करेंगे। ये महापंचायत विद्याधर नगर स्टेडियम में होगी। जिसमें करीब डेढ़ लाख लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है।

इन सबके आज शहीदी दिवस है। इस मौके आंदोलनकारी किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर पर शहीदी दिवस मनाएंगे और युवाओं को शहीद भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव के आजादी के सपने के बारे में बताएंगे। इसके अलावा किसानों ने एक बार फिर 26 मार्च को भारत बंद का ऐलान किया है। किसानों ने सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक सभी व्यापारिक काम रखने की अपील की है। इसके बाद 28 मार्च को किसानों ने होलिका दहन के मौके पर तीनों कृषि कानूनों की कॉपियां जलाने का ऐलान किया है।  

गौरतलब है कि पिछले 26 नवंबर से बड़ी तादाद में किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हैं। लेकिन किसान और सरकार के बीच अबतक इस मसले पर अबतक कोई सहमति नहीं बन पाई है।  कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को दूर करने को लेकर किसानों की सरकार के बीच अबतक 12 दौर की वार्ता हो चुकी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकलकर पाया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर नए कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक स्थगित करने का प्रस्ताव दिया, लेकिन किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी और इन कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग पर अड़े हैं।


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