September 23, 2024

किसान आंदोलन का 47वां दिन, कड़ाके की सर्दी में जारी है किसानों की ‘गांधीगीरी’

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 47वां दिन है।  हड्डियां गला देने वाली ठंड और बारिश के बीच डटे किसान किसी कीमत पर अपनी मांगें बिना मनवाए वापस जाने के मूड में नहीं हैं। मसले का अबतक हल न निकलने से किसानों में आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच रविवार को किसान नेताओं ने एकबार फिर बैठक की और आगें की रणनीति पर चर्चा ची।

बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि 15 जनवरी को सरकार के साथ होने वाली बैठक पर चर्चा की। हमारी मांग वहीं रहेगी कि सभी कृषि क़ानूनों को वापस लिया जाए। 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च में ज्यादा से ज्यादा ट्रैक्टर लाए जाएं, इसपर चर्चा हुई। 

आपको बता दें कि शुक्रवार को किसान संगठन और सरकार के बीच 9वें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही। अब अगले दौर की बैठक के 15 जनवरी को होगी। बैठक के बाद केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा, कानूनों पर चर्चा हुई लेकिन कोई निर्णय नहीं हो सका। सरकार ने आग्रह किया कि यदि किसान कानूनों को निरस्त करने के अलावा कोई विकल्प दिया जाए, तो हम इस पर विचार करेंगे। लेकिन कोई विकल्प प्रस्तुत नहीं किया जा सका, इसलिए बैठक संपन्न हुई और 15 जनवरी को अगली बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। 

गौरतलब है कि कड़ाके की सर्दी और  गिरते पारे के साथ-साथ कोरोना के खतरों के बीच 26 नवंबर से बड़ी तादाद में किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हैं। लेकिन किसान और सरकार के बीच अबतक इस मसले पर अबतक कोई सहमति नहीं बन पाई है। बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी किसान सिंधु, टिकरी, पलवल, गाजीपुर सहित कई बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इस आंदोलन की वजह से दिल्ली की कई सीमाएं सील हैं। 


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